भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अजमेर चौकी की टीम ने बुधवार को पुष्कर नगर परिषद में हुए बहुचर्चित रिश्वत मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व सहायक अभियंता (एईएन) मुकेश चौहान को गिरफ्तार कर लिया। दरअसल, कुछ दिन पहले जब उसका अधीनस्थ जेईएन रामनिवास मीना एसीबी के जाल में फंसने वाला था, तभी चौहान 50 हजार रुपए की रिश्वत राशि लेकर जयपुर भाग गया था। गुरुवार सुबह चौहान को कोर्ट में पेश कर एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। अब एसीबी रिमांड अवधि के दौरान 50 हजार रुपए बरामद करने का प्रयास कर रही है।
पूरा मामला एक ठेकेदार विष्णु गुप्ता की शिकायत से शुरू हुआ था, ठेकेदार ने आरोप लगाया था कि नगर परिषद पुष्कर में कराए गए कार्यों के बिल पास कराने और क्वालिटी कंट्रोल रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने की एवज में जेईएन रामनिवास मीना ने उससे 2.60 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। इसमें से 60 हजार रुपए एईएन मुकेश चौहान का हिस्सा बताया गया था। गुप्ता की शिकायत पर एसीबी ने कार्रवाई की योजना बनाई और जेईएन मीना को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ने के लिए जाल बिछाया, लेकिन उससे पहले ही कहानी ने नया मोड़ ले लिया।
जेईएन ने रिश्वत की रकम किसी और को दे दी
गौरतलब है कि जेईएन मीना के जाल में फंसने से एक दिन पहले ही एईएन चौहान को एपीओ किया गया था। बाद में एसीबी की जांच में सामने आया कि मीना ने रिश्वत की रकम अपने चचेरे भाई और नगर परिषद में कार्यरत जमादार महेश मीना को भी सौंपी थी, जो रकम लेकर फरार हो गया। महेश को भी एसीबी ने गिरफ्तार किया, लेकिन उससे रकम बरामद नहीं हो सकी।
एईएन की गिरफ्तारी से मामले की और परतें खुलने की उम्मीद
अब एईएन चौहान की गिरफ्तारी से मामले की और परतें खुलने की उम्मीद है। एसीबी का अगला फोकस रिश्वत की रकम बरामद करना है। एजेंसी अब यह पता लगाने में जुटी है कि चौहान ने रकम कहां छिपाई या किसे सौंपी। इसके साथ ही यह भी पता लगाने की जांच की जा रही है कि नगर परिषद में रिश्वतखोरी का यह नेटवर्क कहां तक फैला हुआ है और इसमें और कौन-कौन लोग शामिल हो सकते हैं।