मुंबई में हाल ही में एक दुकानदार के साथ मराठी भाषा न बोलने पर हुई मारपीट के मामले ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। इस पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और राज्य सरकार द्वारा सख्त कार्रवाई का भरोसा जताया है।
“मराठी प्रेम या दादागिरी?” – नितेश राणे का सवाल
मीडिया से बातचीत में राणे ने कहा,
“अगर सच्ची हिम्मत है, तो नल बाजार, मोहम्मद अली रोड या मालवणी में जाकर लोगों से मराठी बोलने को कहो। क्या वहां भी इतनी ही बहादुरी दिखाते हो?”
उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को चुनिंदा दबंगई और राजनीतिक स्टंट बताया और कहा कि ये कृत्य समाज में भय और विघटन फैलाने की कोशिश है।
“हिंदू गरीबों को निशाना क्यों?”
राणे ने बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान और गीतकार जावेद अख्तर का उदाहरण देते हुए सवाल उठाया कि
“क्या वे मराठी में बोलते हैं? फिर उनके खिलाफ कोई क्यों नहीं बोलता?”
उन्होंने आरोप लगाया कि गरीब हिंदू अगर हिंदी बोलते हैं, तो उन्हें निशाना बनाया जाता है।
“जो भी हिंदुओं पर दादागिरी करेगा, उस पर हमारी सरकार सख्त एक्शन लेगी। सरकार अब अपनी तीसरी आंख खोलेगी।” — नितेश राणे
दिशा सालियान मामले पर भी साधा निशाना
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिशा सालियान केस पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए राणे ने कहा कि उन्हें खुशी है कि यह मामला कोर्ट में है, और अब सच्चाई सामने आकर रहेगी। उन्होंने कहा —
“अगर आदित्य ठाकरे का इस केस से कोई लेना-देना नहीं है, तो जांच से डर क्यों?”
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा —
“क्या कोई खुद कहेगा कि उसने हत्या की है?”
“अगर दिशा सालियान केस में वक्त रहते कार्रवाई होती, तो शायद पुणे की दुखद घटना टाली जा सकती थी।”
कानून का भय ज़रूरी: पुणे केस पर टिप्पणी
पुणे में हुए हालिया दुष्कर्म की घटना पर भी राणे ने तीव्र प्रतिक्रिया दी और कहा:
“जब अपराधियों में सरकार या कानून का डर नहीं रहेगा, तब ऐसी जघन्य घटनाएं होती रहेंगी।”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अपराध पर रोक तभी लगेगी, जब कानून का भय सबके मन में बराबर होगा।
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