अधिकारियों ने बताया कि 43 में से 14 लोगों की मौत बादल फटने, 8 लोगों की मौत अचानक बाढ़ में बह जाने और 1 व्यक्ति की मौत भूस्खलन में हुई जबकि 7 लोग डूब गए। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक मौतें, मंडी (17) जिले में हुईं, जहां मंगलवार को बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन की 10 घटनाओं ने कहर बरपाया।
लापता 31 लोगों की तलाश अब भी जारी : अधिकारियों ने बताया कि अकेले मंडी जिले से लापता 31 लोगों की तलाश अब भी जारी है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवानों ने शुक्रवार को भारी बारिश के बाद भारद, देजी, पयाला और रुकचुई गांवों में फंसे 65 लोगों को बचाया। भारी बारिश के बाद भूस्खलन से सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं और नदियां उफान पर हैं जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया तथा लोगों के घरों व खेतों में मलबा जमा हो गया।
कई सड़कें क्षतिग्रस्त : अधिकारियों ने बताया कि 150 से अधिक घर, 106 मवेशी शेड, 31 वाहन, 14 पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं जबकि विभिन्न घटनाओं में 164 मवेशियों की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि सुरक्षित बाहर निकाले गए 402 लोगों के लिए 5 राहत शिविर बनाए गए हैं जिनमें से 348 लोग अकेले मंडी जिले से हैं।
इस बीच राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि मंडी में 156, सिरमौर में 49 और कुल्लू जिलों में 36 सहित 280 सड़कें वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दी गई हैं। राज्य में कुल 332 ट्रांसफार्मर और 784 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हैं। स्थानीय मौसम विभाग ने 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है जिसमें शनिवार से मंगलवार तक राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta