इजराइल के साथ सीजफायर के बावजूद ईरान में लगातार बम गिर रहे हैं. इस्लामिक राष्ट्र की ओर से इस पर कुछ कहा नहीं जा रहा, मगर ये तय है कि ये तूफान से पहले की शांति है. माना ये जा रहा है कि ईरान को मुहर्रम की 10वीं तारीख का इंतजार है, 6 जुलाई को जैसे ही नेतन्याहू अमेरिका की उड़ान भरेंगे, ईरान जोरदार प्रहार कर सकता है. दरअसल ईरान के पास हमले के अलावा अब कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा है.
अमेरिका से नेतन्याहू को एक बार फिर हमले की छूट मिली तो खामेनेई मुश्किल में पड़ जाएंगे. इसीलिए माना ये जा रहा है कि इस बार खामेनेई चूकने वाले नहीं हैं. वह पहले इजराइल पर हमला कर सकते हैं. ईरान ये भी कह चुका है कि अबकी बार अगर युद्ध हुआ तो वह आर पार वाला होगा.
खामेनेई को आखिर डर क्या है?ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई डरे हुए हैं, इसलिए क्योंकि नेतन्याहू 6 जुलाई को अमेरिका जा रहे हैं, ऐसा कहा जा रहा है कि नेतन्याहू वहां ईरान पर हमले की अनुमति मांग सकते हैं. इसीलिए खामेनेई पहले ही वार करने की तैयारी में है, माना जा रहा है कि 6 जुलाई को ईरान में यौम-ए-आशूरा मनाए जाएगा. इस दिन ईरान में होने वाली बड़ी मजसिलों और दूसरे कार्यक्रम खत्म होते ही खामेनेई इजराइल पर हमले के लिए हरी झंडी दे देंगे. अगर ऐसा हुआ तो IRGC कमांडर रात के वक्त इजराइल के खिलाफ इतिहास का सबसे बड़ा ऑपरेशन शुरू करेंगे. जिसका लक्ष्य होगा. इजरायल के पूरे नक्शे को ईरानी मिसाइलों से पाटना.
इस बार ट्रिपक अटैक करेगा ईरान6 जुलाई की रात ईरान इजराइल पर 3 चरण में हमले कर सकता है. इसका पहला चरण बेहद विध्वंसक होगा. हमले के पहले चरण में ही ईरान ट्रिपल अटैक करेगा. पहले चरण में ईरान के साथ हिज्बुल्लाह और हूती भी इजराइल पर हमला कर सकते हैं. उत्तरी इजराइल से सटे लेबनान में मौजूद हिज्बुल्लाह रॉकेट अटैक कर सकता है. तो दक्षिण में यमन में मौजूद हूती इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागेगा. वहीं ईरान पहले चरण में ड्रोन से तेल अवीव और सेंट्रल इजराइल को टारगेट करेगा. इसके बाद ईरान के हमले का दूसरा चरण शुरू होगा. इसमें बैलेस्टिक मिसाइलें दागी जाएंगी. तीसरे चरण में ईरान इजराइल में साइबर अटैक कर सकता है. ये साइबर अटैक बिजली ग्रिड, कम्युनिकेशन सिस्टम, बैंकिंग प्रणाली, सैन्य ठिकाने और मिलिट्री हेडक्वार्टर पर किए जा सकते हैं.
इजराइल बता रहा ईरान को खतरामोसाद IRGC के कमांडर्स को टारगेट कर रहा है. तो दूसरी तरफ इजराइल लगातार ईरान को अरब ही नहीं बल्कि यूरोप के लिए भी खतरा बता रहा है. इजराइल इसकी 3 वजहें दे रहा है. दावा है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम अब भी जारी है. उसके पास 10 परमाणु बम बनाने का यूरेनियम है. इजरायल दावा कर रहा है कि ईरान का मिसाइल शस्त्रागार यूरोप और अमेरिका के लिए भी खतरा है. ईरान की मिसाइलें यूरोप तक को निशाना बनाने में सक्षम हैं. जल्द ईरान अमेरिका तक को टारगेट करने की ताकत हासिल कर लेगा. ईरान अपने प्रॉक्सी संगठन तेजी से मजबूत कर रहा है. वहीं इनकी संख्या बढ़ाने के प्लान पर काम कर रहा है.
इजराइल भी पूरी तैयारी मेंईरानी हमले की आशंका अमेरिका और इजराइल को भी है. यही वजह है कि CENTCOM कमांडर तेल अवीव पहुंच चुके हैं. उनकी IDF चीफ इयाल जामिर के साथ बैठक हुई है. बैठक में IDF के कई अधिकारी भी शामिल हुए. ये मीटिंग करीब 3 घंटे के आसपास चली ईरान-इजराइल के बीच 12 दिनों के युद्ध पर चर्चा हुई. साथ ही ईरानी खतरे पर भी बात की गई. CENTCOM कमांडर ने एयरफोर्स के अंडरग्राउंड कमांडर सेंटर का भी दौरा किया. दरअसल माना जा रहा है कि CENTCOM कमांडर का इजराइल दौरा हकीकत में उसकी सुरक्षा और युद्ध की तैयारियों का जायजा लेने के लिए था… जिसकी तैयारियां अमेरिका ने युद्ध खत्म होने के बाद ही शुरू कर दी थीं…
इनपुट-Tv9 ब्यूरो