बनारसी साड़ी का चलन हमेशा ही ट्रेंड में रहता है. घर में शादी, फंक्शन या किसी भी खास अवसर पर इसे पहनना एकदम परफेक्ट रहता है. इससे क्लासी और रॉयल लुक मिलता है. यहां तक की एक्ट्रेसेस भी बनारसी साड़ी पहनी पसंद करते हैं. अनुष्का शर्मा से लेकर दीपिका पादुकोन सभी ने बनारसी साड़ी को अपनी शादी की रिसेप्शन के लिए चुना था.
आप भी बनारसी साड़ी पहनी होंगी या लेकिन सभी लोग अपनी पसंद के मुताबिक इसे चुनते हैं. बनारसी साड़ी में सिर्फ एक नहीं बल्कि कई वैरायटीज आती हैं. जिसके बारे में बहुत कम महिलाओं को पता होता है. ऐसे में जब दुकानदार उन्होंने जिस भी तरह की बनारसी साड़ी दिखाता है, वह उसे खरीद लेती हैं. लेकिन घर आकर उन्हें लगता है यह वो साड़ी नहीं है, जो उन्हें चाहिए थी. इसलिए आइए जानते हैं की बनारसी साड़ी कितनी तरह की होती हैं और इसे खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
कितनी तरह की होती हैं बनारसी साड़ी? कटान बनारसी साड़ीकटानबनारसी साड़ी पूरी तरह से रेशम से बनी होती है और इसकी बुनाई बहुत ही महीन यानी की बारीक होती है. इसमें रेशम के धागों को काते हुए रूप में उपयोग किया जाता है, जिससे कपड़ा मजबूत और चमकीला बनता है. कटान बनारसी साड़ी बहुत हल्की और मुलायम होती है. पारंपरिक बूटियों और फूल-पत्तियों के डिजाइन से ज्यादा बनाई जाती है. जरी बॉर्डर और पल्लू में ये साड़ी बेहतरीन लगती है.
ऑर्गेंजा या टिशू बनारसी साड़ीऑर्गेंजा या टिशू बनारसी साड़ी पारदर्शी रेशमी कपड़े से बनाई जाती है, जिसमें जरी और रेशम का उपयोग किया जाता है. यह हल्की और चमकदार होती है. इसलिए यह पहननें में काफी कंफर्टेबल रहती है. इसे पहनें से बहुत ही रॉयल लुक मिलता है. फूलों और पत्तों की सुनहरी-चांदी की जरी कढ़ाई इसे बनाने के लिए की जाती है. पार्टियों और रिसेप्शन के लिए इस तरह की साड़ी एकदम परफेक्ट रहती है.
शत्तीर बनारसी साड़ीयह बनारस में बनने वाली एक खास साड़ी होती है. इसे रेशम और सूती के धागों के मिश्रण से बनाया जाता है. जो इसे दूसरी बनारसी साड़ियों से अलग बनाता है. इस साड़ी में पारंपरिक पैस्ले मोटिफऔर फूलों के पैटर्न होते हैं. इसके अलावा साड़ियों कई डिजाइन में आती हैं. यह अपने जटिल ब्रोकेड वर्क और शानदार रेशम के लिए जानी जाती है.
जामदानी बनारसी साड़ीजामदानी मूल रूप से बंगाल की कला है जिसे बनारसी बुनकरों ने अपनी शैली में ढाला है. यह एक तरफ की हैंडलूम तकनीक है जिसमें बुनाई के दौरान डिजाइन को कपड़े में बुना जाता है. यह ढाकाई जामदानी, तंगेल जामदानी, शांतिपुर जामदानी और धनियाखली जामदानी में होती है. इसे पहन कर रॉयल और क्लासी लुक मिलेगा.
तनचोई बनारसी साड़ीइस साड़ी में ज्यादातर महीन रेशमी धागों का प्रयोग होता है और ज्यादा जरी नहीं होती. तनचोई बुनाई की एक तकनीक है जिसमें एक या दो ताने और बाने पर दो से पांच रंग शामिल होते हैं जो अक्सर एक ही रंग के होते हैं. यह साड़ी बेहद हल्की और मुलायम होती है. सैटिन टैनचोई, साटन जरी तानचोई, एटलस या गिल्ट और मुशब्बर यह इसकी कुछ किस्मों में से एक हैं.
प्योर सिल्क बनारसी साड़ीयह बनारसी साड़ी की सबसे क्लासिक और मूल शैली है. इसे कतन सिल्क के नाम से भी जाना जाता है. यह अक्सर ब्राइडल कलेक्शन में देखने को मिलती है. शुद्ध रेशम और जरी से बनी होती है. इसकी क्वालिटी बेस्ट और कीमत थोड़ी ज्यादा होती है.
टसर सिल्क बनारसी साड़ीगीचा या टसर रेशम से बनी साड़ियां हैंडलूम बनारसी में नए प्रयोगों का उदाहरण हैं. इसमें रेशम की खुरदरी बनावट के साथ जरी और पारंपरिक डिजाइनों को जोड़ा जाता है. यह हल्के कपड़े और पहनने में आरामदायक होती है.
गोल्डन और सिल्वर जरी बनारसी साड़ीइस तरह की बनारसी साड़ी को बनाने के लिए प्योर सोने और चांदी की जरी का उपयोग किया जाता है. पहले की साड़ियों में प्योर धागों का उपयोग किया जाता है. इससे पहनें से रॉयल लुक मिलता है और क्योंकि इसे बनाने के लिए प्योर गोल्ड और सिल्वर की जरी का इस्तेमाल होता है, इसलिए यह बहुत महंगी होती है. अब इन्हें कई जगह पर सिंथेटिक किया गया है जिससे इसकी लागत कम होती है.
बनारसी साड़ी खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यानआजकल बाजार में कई तरह की बनारसी साड़ी मिल जाएंगी. लेकिन यह असली है या नकली इसकी पहना आपको करनी है. इसलिए बनारसी साड़ी खरीदते समय आपको इन बातों का ख्याल रखना चाहिए. असली जरी वर्क के धागों का रंग और चमक अलग होती है. बहुत हल्की और सिथेंटिक लगने वाली साड़ी न खरीदें. साड़ी के बॉर्डर और पल्ली पर बारीक काम की जांच करें. चिकनी फिनिश के बजाए, असली साड़ी में धागों की बुनाई का ताना-बाना दिखाई देता है. इसे किसी अच्छी दुकान से खरीदें.