देशभर में मानसून सक्रिय है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली है। हालांकि, अगले 6-7 दिनों में उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में भारी बारिश की संभावना है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भूस्खलन और बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। पहाड़ी राज्यों में हालात गंभीर हैं, जबकि मैदानी इलाकों जैसे दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मुंबई और बेंगलुरु में जलभराव के कारण यातायात प्रभावित हो रहा है।
दक्षिण भारत के राज्यों में भी भूस्खलन और बाढ़ ने तबाही मचाई है। मानसून की बारिश से किसानों को लाभ हुआ है, लेकिन अत्यधिक बारिश ने फसलों को नुकसान भी पहुँचाया है। भारतीय मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में भारी बारिश की चेतावनी दी है। लोगों को सावधानी बरतने और निचले इलाकों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। अलकनंदा नदी उफान पर है और भूस्खलन के कारण सड़कें अवरुद्ध हैं, जिससे चारधाम यात्रा प्रभावित हो रही है। मौसम विभाग ने टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में भूस्खलन की चेतावनी जारी की है।
हिमाचल प्रदेश में भी भारी बारिश के कारण बादल फटने और भूस्खलन से तबाही मची है। मंडी जिले में लगभग 240 सड़कें बंद हैं। पंडोह डैम से पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ की स्थिति बनी हुई है।
दिल्ली में बारिश की कमी से उमस बढ़ी है, जबकि पंजाब और हरियाणा में मध्यम से भारी बारिश का अलर्ट है। झारखंड में अत्यधिक बारिश की चेतावनी है, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं। ओडिशा और छत्तीसगढ़ में भारी बारिश ने सड़कों को नदियों में बदल दिया है।
बिहार और उत्तर प्रदेश में भी भारी बारिश से सड़कें और पुल प्रभावित हुए हैं। गुजरात में सूरत और वडोदरा में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। राजस्थान के पूर्वी हिस्से में भारी बारिश का अलर्ट है।