8 वां वेतन आयोग: केंद्र सरकार के 1.2 करोड़ कर्मचारी और पेंशनभोगी इन दिनों जिस बात का सबसे ज्यादा इंतजार कर रहे हैं, वह है 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th CPC) की घोषणा. उन्हें अपने वेतन और पेंशन में संशोधन की उम्मीद है, जो लंबे समय से लटकी हुई है. 2024 की शुरुआत में कैबिनेट द्वारा आयोग को अप्रूवल मिल चुका है, और अब चेयरमैन की नियुक्ति व टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को अंतिम रूप दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है.
वेतन आयोग (Pay Commission) भारत सरकार द्वारा समय-समय पर गठित एक ऐसी समिति होती है, जो केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन ढांचे को नए सिरे से निर्धारित करती है. इसका असर मूल वेतन, भत्तों, पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों पर पड़ता है. 8वां वेतन आयोग, 2016 में लागू हुए 7वें वेतन आयोग की जगह लेगा और इसके लागू होने की संभावित तिथि 2027 के आसपास मानी जा रही है.
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक है जिसके जरिए पुराने वेतन को गुणा कर नया मूल वेतन तय किया जाता है. 7वें सीपीसी में यह 2.57 था, जबकि अब 8वें सीपीसी में इसे 2.86 किए जाने की उम्मीद है. इससे कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है, खासकर निचले स्तर के कर्मचारियों को इसका सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा.
यदि 2.86 फिटमेंट फैक्टर को लागू किया गया, तो वेतन में काफी बड़ा उछाल संभव है:
8वां वेतन आयोग केवल सैलरी में ही बढ़ोतरी नहीं करेगा, बल्कि इसका असर पेंशन और रिटायरमेंट बेनिफिट्स पर भी पड़ेगा. पेंशन का निर्धारण नए वेतनमान के आधार पर होगा, जिससे सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी राहत मिलेगी. इसके साथ ही महंगाई भत्ते (DA) की गणना भी नई पे मैट्रिक्स पर आधारित होगी.
फिलहाल सरकार ने टर्म्स ऑफ रेफरेंस और चेयरमैन की नियुक्ति की प्रक्रिया को अंतिम रूप नहीं दिया है. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह प्रक्रिया 2024 के अंत तक पूरी हो सकती है. इसके बाद आयोग को डेटा विश्लेषण और सिफारिशें देने में लगभग 2 साल का समय लग सकता है, यानी 2027 के आसपास यह लागू हो सकता है.
वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने से सरकार के खजाने पर भारी असर पड़ता है. अनुमान के अनुसार, 8वें वेतन आयोग को लागू करने से 2.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च आएगा. हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे खपत बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, जो सरकार के लिए एक सकारात्मक पहलू है.
देशभर के केंद्रीय कर्मचारी संगठनों में 8वें सीपीसी को लेकर हलचल तेज हो गई है. कई कर्मचारी यूनियनें मांग कर रही हैं कि नए वेतन आयोग को जल्द से जल्द सक्रिय किया जाए ताकि वेतन संशोधन प्रक्रिया समय पर पूरी हो सके.