नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश में बढ़ती गरीबी और धन के कुछ लोगों के हाथों में केंद्रीकरण पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास के साथ-साथ ग्रामीण कल्याण के लिए धन का विकेंद्रीकरण आवश्यक है।
नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान, गडकरी ने कृषि, विनिर्माण, कराधान और बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक-निजी भागीदारी जैसे मुद्दों पर विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि गरीबों की संख्या में वृद्धि हो रही है और धन कुछ अमीरों के हाथों में केंद्रित हो रहा है, जो चिंताजनक है। उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था को इस तरह से विकसित होना चाहिए कि रोजगार सृजन हो और ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हो।
गडकरी ने पूर्व प्रधानमंत्रियों पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की उदार आर्थिक नीतियों की प्रशंसा की, लेकिन अनियंत्रित धन के केंद्रीकरण के प्रति चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि हमें इस स्थिति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
भारत की आर्थिक संरचना पर चर्चा करते हुए, गडकरी ने जीडीपी में विभिन्न क्षेत्रों के योगदान में असंतुलन को उजागर किया। उन्होंने बताया कि विनिर्माण क्षेत्र का योगदान 22-24 प्रतिशत है, जबकि सेवा क्षेत्र का योगदान 52-54 प्रतिशत है, और कृषि क्षेत्र का योगदान केवल 12 प्रतिशत है, जबकि 65-70 प्रतिशत ग्रामीण आबादी इस पर निर्भर है।
गडकरी ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (CA) की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि वे अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंने परिवहन क्षेत्र में अपने प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि सड़क निर्माण के लिए उन्होंने बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (BOT) प्रणाली शुरू की थी।
गडकरी ने कहा कि उन्होंने बिना विदेशी सहायता के इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) बांड्स के माध्यम से धन जुटाया है। उन्होंने यह भी बताया कि 100 रुपये का शेयर अब 160 रुपये हो गया है और निवेशकों को 18 से 20 प्रतिशत रिटर्न मिलेगा।