सीएम बनाने की मांगों पर डीके शिवकुमार ने आखिरकार तोड़ी चुप्पी, बोलें-इच्छा जताने में तो कोई बुराई नहीं है
Samachar Nama Hindi July 07, 2025 06:42 PM

कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद की दौड़ फिलहाल थमती नजर नहीं आ रही है। अब राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का कहना है कि वह संतों और पार्टी कार्यकर्ताओं की इच्छा का सम्मान करते हैं। दरअसल, रामबापुरी पीठ के संत राजदेशिकेंद्र शिवाचार्य ने कहा कि कर्नाटक में 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की शानदार जीत के बाद शिवकुमार को और प्रमुख भूमिका दी जानी चाहिए थी। वहीं, शिवकुमार ने संयमित रुख अपनाते हुए कहा कि वह पार्टी कार्यकर्ताओं और संतों की इच्छा का सम्मान करते हैं लेकिन कांग्रेस आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे।

शिवकुमार कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष भी हैं। राजनीतिक हलकों, खासकर सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर पिछले कुछ समय से अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस साल के अंत में मुख्यमंत्री पद में बदलाव हो सकता है। इसका कारण मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार के बीच कथित सत्ता साझेदारी समझौते को बताया जा रहा है। क्या बोले संत रविवार को कनकपुरा तालुक में सिद्धेश्वरस्वामी पहाड़ियों पर नवनिर्मित सीढ़ियों के उद्घाटन के अवसर पर संत ने शिवकुमार की संगठनात्मक क्षमताओं और कर्नाटक में कांग्रेस को सत्ता में लाने में उनकी भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, 'उन्हें (शिवकुमार को) पिछले विधानसभा चुनाव के बाद कोई बड़ा पद मिलना चाहिए था। भगवान उन्हें आने वाले दिनों में और बड़ा पद प्रदान करें।'

राजदेशी केंद्र शिवाचार्य ने यह भी कहा कि नेतृत्व को लेकर कांग्रेस के भीतर क्या आंतरिक सहमति बनी, इसकी जानकारी केवल राष्ट्रीय नेतृत्व, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और शिवकुमार को ही है। उन्होंने कहा, 'नेताओं को अपनी बात का सम्मान करना चाहिए। चुनाव से पहले अगर कोई समझौता हुआ था, तो उसका पालन किया जाना चाहिए। उस वादे को पूरा किए बिना शिवकुमार को कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटने के लिए कहना सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है। जवाब में शिवकुमार ने कनकपुरा के कोडिहल्ली स्थित अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि वह लोगों और संतों की भावनाओं का सम्मान करते हैं।

उन्होंने कहा, 'पार्टी कार्यकर्ताओं, संतों या आम जनता के लिए अपनी इच्छा व्यक्त करना गलत नहीं है, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हमें इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से बोलने से मना किया है। हम पार्टी के फैसले का पालन करेंगे।' नेतृत्व के लिए संत शिवाचार्य के समर्थन और किसी संभावित समझौते के बारे में पूछे जाने पर उपमुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं इस बारे में खुलकर क्यों बात करूं? यह मेरे और पार्टी के बीच का मामला है। हम सब मिलकर काम कर रहे हैं।' कथित फॉर्मूला मई 2023 में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कड़ी टक्कर थी। कांग्रेस ने किसी तरह शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनने के लिए मना लिया था। उस समय ऐसी खबरें भी आई थीं कि 'बारी-बारी से मुख्यमंत्री' बनने पर सहमति बन गई है, जिसके तहत ढाई साल बाद शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हालांकि, पार्टी ने अभी तक इस डील की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

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