बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) को लेकर घमासान मचा हुआ है. इस बीच एआईएमआईएम के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कई मुद्दों को लेकर बड़ा बयान दिया है. TV9 भारतवर्ष से बात करते हुए उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग से हमने ये गुजारिश की है कि SIR कराने का आपका संवैधानिक हक है. मगर, 2025 का इलेक्शन सिर पर है और ऐसे में SIR कराने का समय अनुकूल नहीं है. बिहार में इस वक्त बारिश और सैलाब है. बिहार में RJD के साथ गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि कई दिन हो गए लेटर दिए हुए, अभी कोई जवाब नहीं आया है. मेरे पास थर्ड फ्रंट पहले भी था.
अख्तरुल ईमान ने कहा कि यह कहेंगे कि 2000 में हुआ था लेकिन विधानसभा चुनाव में 2 से 3 साल की दूरी थी. मामला यह था कि अगर चैलेंज भी करना था तो पर्याप्त वक्त मिल गया था लेकिन इतने शॉर्ट पीरियड में आप कर रहे हैं. ये जल्दबाजी में उठाया गया कदम है. बिहार के बारे में इन लोगों को सही ज्ञान नहीं है कि अभी जो जन्म प्रमाण पत्र मांग रहे हैं, 2002 में ऐसा नहीं था.
उन्होंने कहा कि 2002 में बिहार में सिर्फ 3.7 प्रतिशत लोगों के पास जन्म प्रमाण पत्र था. 2004 में 11.5% लोगों के पास जन्म प्रमाण पत्र था. नेशनल रेट से हम 45% कम हैं. बिहार में ग्रेजुएट और अंडरग्रेजुएट 14% से ज्यादा नहीं हैं. बिहार में पासपोर्ट केवल 2% लोगों के पास हैं. माइग्रेंट लेबर पूरे देश में सबसे ज्यादा बिहार में हैं. इसमें सीमांचल में सबसे ज्यादा हैं. इस शॉर्ट पीरियड में अगर आप हरियाणा पंजाब के खेतों में जाएंगे तो सबसे ज्यादा 90% मजदूर हमारे हैं.
क्या आप वोट से उसको वंचित कर देंगे?उन्होंने कहा कि जो लोग पढ़ना-लिखना नहीं जानते वो ऑनलाइन कैसे करा पाएंगे. अगर वो इससे वंचित रह जाते हैं तो क्या आप वोट से उसको वंचित कर देंगे? उसके बारे में आप क्या उपाय कर रहे हैं. आपने कोई उपाय नहीं किया है. हम लोगों ने व्यावहारिक कठिनाइयों को लेकर कहा है. हम लोगों ने यह कहा है कि आप इसको स्टे दीजिए क्योंकि 2025 का इलेक्शन सामने है. उसके बाद आप SIR कराएं.
बिहार में RJD के साथ गठबंधन को लेकर अख्तरुल ईमान ने कहा कि सांप्रदायिक शक्तियों से देश को बहुत नुकसान पहुंचा है. बिहार में जब से सांप्रदायिक सरकार आई है, लोकतंत्र की हत्या हो रही है. कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. क्राइम और करप्शन बढ़ रहा है. अफसर शाही का नंगा-नाच हो रहा है. लोकतंत्र का चीरहरण हो रहा है. इसलिए इस सरकार को रोकना जरूरी है, इसी वजह से हमने उदारता दिखाई है कि वोटों को बिखरने मत दीजिए.
कई दिन हो गए अभी कोई जवाब नहीं आयाउन्होंने कहा, मेरी चिंता बिहार के लिए थी, बिहार के भविष्य के लिए थी. कई दिन हो गए लेटर दिए हुए, अभी कोई जवाब नहीं आया है. मेरे पास थर्ड फ्रंट पहले भी था. मेरे पास ऑप्शन है लेकिन मैंने गेंद उनके पाले में गेंद फेंकी है कि उनकी नियत कैसी है. लालू यादव और तेजस्वी यादव से बात नहीं हुई है. उनके दूसरे नेताओं से बात हुई है.
अगर RJD का जवाब नहीं आता है तो क्या अकेले लड़ेंगे और कितनी सीटों पर लड़ेंगे? इस सवाल पर अख्तरुल ईमान ने कहा कि मंजिल का मुसाफिर सवारी के छूट जाने से रुकता नहीं है. दूसरी सवारी तलाश कर लेता है. हमारी 100 सीटों पर तैयारी है. कितने सीटों पर लड़ेंगे, अंतिम फैसला पार्टी मुखिया ओवैसी को लेना है लेकिन हमारे सामने एक बड़ा मसला है, हम तन्हा नहीं हैं. हम थर्ड फ्रंट की तैयारी कर रहे हैं.
ओवैसी ने इस प्रक्रिया को नागरिकता से जोड़ा उसका क्या मतलब है? इस पर अख्तरुल ईमान ने कहा कि यकीनन है, लोगों में खौफ है कि कहीं ना कहीं से चोर दरवाजे से NRC को लागू करने की कोशिश हो रही है, क्योंकि BLO तीन बार किसी के घर जाएगा अगर वह दिल्ली में है, पंजाब में है, नहीं मिल पाया तो RO उस पर सेटिस्फाई हो गया कि वह नहीं है. यह लिख दिया तो लाले पड़ जाएंगे उनकी नागरिकता पर मामला आ जाएगा.