देश की सभी भाषाएं राष्ट्रीय भाषा हैं… RSS का भाषा विवाद पर बड़ा बयान
TV9 Bharatvarsh July 07, 2025 10:42 PM

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रांत प्रचारकों की 3 दिवसीय वार्षिक बैठक रविवार (6 जुलाई) को संपन्न हुई. बैठक में जहां संगठनात्मक मामलों और संघ के शताब्दी वर्ष की योजनाओं पर चर्चा की गई, वहीं संगठन ने देश के सामने मौजूद विभिन्न आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श किया. इसके साथ ही भाषा विवाद पर भी चर्चा की गई. संघ का हमेशा से मानना रहा है कि भारत की सभी भाषाएं राष्ट्रीय भाषा हैं और सभी लोग पहले से अपनी भाषा में शिक्षा लेते हैं. संघ में पहले से ये बात स्थापित है.

सोमवार (7 जुलाई) को आरएसएस के प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने बैठक के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि बैठक में तीन तरह के मुद्दों पर चर्चा की गई. जिनमें पहला संघ कार्य विस्तार, दूसरा शताब्दी वर्ष समारोह और तीसरा देश के विभिन्न प्रांतों की स्थिति पर चर्चा की गई.

सीमावर्ती क्षेत्रों में संघ द्वारा किए गए कार्यों पर चर्चा

आंबेकर ने बताया कि बैठक में मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए संघ के प्रयास पर बातचीत की गई. उन्होंने कहा कि मैतेई सुमदाय के लोगों के बीच संघ द्वारा किए जा रहे कामों पर विस्तार से चर्चा की गई. आंबेकर ने कहा कि थोड़ा समय और लगेगा लेकिन मणिपुर में चीजें पहले से काफी ठीक हुई हैं. इसके साथ ही नेता कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में संघ द्वारा किए गए कार्यों पर चर्चा हुई. उन इलाकों में कैसे कम कर रहे हैं. सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा के लिए संघ प्रचारक कैसे काम कर रहे हैं इस पर भी चर्चा हुई. साथ ही संघ के वरिष्ठों द्वारा उनको मार्गदर्शन भी दिया गया.

संघ शिक्षा वर्ग पर चर्चा

इसके आगे उन्होंने बताया कि इस वर्ष संघ शिक्षा वर्ग पर भी बैठक में चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि 40 वर्ष से नीचे के 75 वर्ग लगाए गए हैं .17690 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण लिया इसमें 8812 जगहों से शिक्षार्थियों ने हिस्सा लिया था. उन्होंने कहा कि 40 से 60 आयु वर्ग के 25 शिक्षा वर्ग लगे हैं जिसमें 4270 लोगों ने प्रशिक्षण लिया.

सुनील आंबेकर ने ये भी बताया कि आरएसएस के शताब्दी वर्ष पर हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. ये सम्मेलन हर मंडल और हर बस्ती में किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 1 लाख 3 हजार 19 जगहों पर हिंदू सम्मेलन होगा. इसके साथ ही गृह संपर्क पर भी चर्चा की गई. बैठक में घर घर जाने की योजना बनाई गई. उन्होंने बताया कि 924 जगहों पर नागरिक गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा जिसमें राष्ट्रवाद और हिंदुत्व को लेकर चर्चा होगी.

शताब्दी वर्ष का मुख्य उद्देश्य

आरएसएस नेता ने बताया कि एक व्यापक आउटरीच प्रोग्राम चलाया जाएगा. इसके तहत समाज के सभी प्रकार, वर्ग, प्रोफेशन, विचार के लोगों तक पहुंचना है. इसमें अपने विचार रखना और उनकी बातों को समझना मुख्य उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष विजयादशमी पर अधिक से अधिक स्वयंसेवक गणवेश में आएंगे बैठक में ये भी तय हुआ है.

पंच निष्ठा

इसके आगे उन्होंने कहा कि आज तकनीकी रूप से विकास हो रहा है. इस क्रम में अपने देश का सामाजिक मूल्यों को कैसे जीवंत रखा जाए इसपर चर्चा की गई. जीवन मूल्य और पारिवारिक मूल्यों को बचाए रखना इस पर महत्व दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जीवन की प्रगति आर्थिक या एक तरफ नहीं बल्कि हॉलिस्टिक रूप से हो इसपर रणनीति बनाई गई है.

इसके साथ ही बैठक में ऑपरेशन सिंदूर , अमेरिका और बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों और हिंदुओं पर अटैक पर भी चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि इस बैठक में देश के अलग अलग हिस्सों से लोग आए थे. उन्होंने बताया कि बैठक में सभी विषयों पर चर्चा हुई है. लेकिन इन मुद्दों पर कोई योजना या रणनीति बनाई गई ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि बैठक का मुख्य उद्देश्य संघ शताब्दी वर्ष था जिसको लेकर ज्यादा चर्चा हुई.

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