यमुनानगर, 7 जुलाई (Udaipur Kiran) । बिजली बिल की बढ़ी यूनिट दर व स्थाई कर वापस लेने की मांग को लेकर उद्योग व्यापार मण्डल हरियाणा के शिष्टमण्डल ने मुख्यमंत्री नायब सैनी के नाम यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर उद्योग व्यापार मण्डल हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष महेन्द्र मित्तल ने सोमवार को बताया कि बिजली विभाग की नीतियों के कारण आम आदमी पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड गया है। जिसमें फिक्स चार्ज, फ्यूल चार्ज, डयूटी चार्ज, सरचार्ज, निगम टैक्स आदि सभी तरह के टैक्स हैं। अप्रत्याशित चार्ज बढने से बिजली दर में भारी वृद्धी हो गई है। जिससे उद्योग भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।
उन्होने कहा की नए नियमों के तहत घरेलू बिजली उपभोक्ताओं पर भी स्थाई कर लगाया जा रहा है। और स्लैब में बदलाव किए गए हैं। इससे बिजली बिल 12 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। व्यापारी वर्ग भी इस फैसले से बहुत चिंतित है। सबसे अधिक मार पांच किलोवाट के कनेक्शन धारकों पर पड़ी है। उन्होंने बताया की पहले हर महीने 50 यूनिट या इससे अधिक खपत पर 2.50 रुपये से लेकर 6.30 रुपये प्रति यूनिट अलग-अलग स्लैब के अनुसार बिल लिया जाता था। किन्तु अब उनसे 6.50 से 7.50 रुपये प्रति यूनिट तक लिए जाने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुल घरेलू उपभोक्ताओं में से लगभग 78 फीसदी उपभोक्ता 2 किलोवाट तक लोड वाले हैं। वहीं 501 से 800 वाले स्लैब में बदलकर अब 500 यूनिट के ऊपर का स्लैब माना जाएगा। बिजली दरों की बढ़ोतरी व स्थाई कर बढ़ने से उद्योग जगत बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। बिजली की दरों की वृद्धि व फिक्स चार्ज में लगभग 80।प्रतिशत की बढोतरी से उद्योग जगत सन्न है। अचानक से उद्योगों पर बिजली बिल के 12 से 30।प्रतिशत तक खर्च अतिरिक्त बोझ डल गया है। उद्योग जगत पहले ही संकट के दौर से गुजर रहा है। अब सरकार के द्वारा बिजली यूनिट दर में वृद्धि व फिक्स चार्ज में 125 रूपये प्रति किलोवाट की वृद्धि ने व्यापारियों पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है।
(Udaipur Kiran) / अवतार सिंह चुग