निगम क्षेत्र के खाली जगहों में होगा पौधारोपण
Udaipur Kiran Hindi July 08, 2025 03:42 AM

धमतरी, 7 जुलाई (Udaipur Kiran) । नगर निगम धमतरी के खाली जगहों पर मियावाकी पद्धति से वृहद पौधरोपण की तैयारी चल रही है। इसके लिए नगर निगम और वन मंडल धमतरी द्वारा समन्वय स्थापित कर जगह चिन्हांकित किया जा रहा है।

केंद्र सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों के गैर वन क्षेत्र (नान फारेस्ट एरिया) में पौधारोपण करने के लिए फोकस किया जा रहा है। इसी कड़ी में धमतरी नगर निगम क्षेत्र में ऐसे स्थलों को चिन्हांकित किया जा रहा है, जहां पौधारोपण किया जा सके। घना जंगल बनाने के लिए मियावाकी पद्धति से पौधारोपण किया जाएगा। इस पौधारोपण का उद्देश्य शहर में हरित वातावरण विकसित कर पर्यावरण संरक्षण करना है।

नगर निगम के लोक निर्माण, आवास और पर्यावरण विभाग के सभापति विजय मोटवानी ने साेमवार काे बताया कि निगम क्षेत्र में वृहद स्तर पर पौधारोपण के लिए पीजी कालेज, नया माडल स्कूल सोरिद और सौंदर्यीकरण वाले तालाबों के किनारे पौधारोपण के लिए चिन्हांकित किया गया है। आठ – 10 दिन में पौधारोपण की तैयारी है। वन मंडलाधिकारी धमतरी श्रीकृष्ण जाधव ने बताया कि शहर के खाली जगहों पर मियावाकी पद्धति से पौधरोपण के लिए नगर निगम को तकनीकी मार्गदर्शन कर रहे हैं।

क्या है मियावाकी पद्धति

मियावाकी पद्धति, जापान के वनस्पतिशास्त्री अकीरा मियावाकी द्वारा विकसित एक वृक्षारोपण विधि है। इस विधि में, छोटे स्थानों पर बहुत घनी और विविध प्रकार की देशी प्रजातियों के पेड़ लगाए जाते हैं, जिससे एक प्राकृतिक जंगल जैसा वातावरण बनता है। यह विधि पारंपरिक वृक्षारोपण विधियों की तुलना में बहुत तेजी से वन विकसित करने में मदद करती है, और इसे अक्सर पॉट प्लांटेशन विधि के रूप में भी जाना जाता है। इस विधि में, पेड़ों को एक दूसरे के बहुत करीब लगाया जाता है, जिससे वे एक दूसरे को सहारा देते हैं और तेजी से बढ़ते हैं। मियावाकी विधि में, स्थानीय रूप से पाई जाने वाली पौधों की प्रजातियों का उपयोग किया जाता है, जो उस क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अधिक उपयुक्त होती हैं। मियावाकी पद्धति से लगाए गए जंगल, पारंपरिक विधियों की तुलना में 10 गुना तेजी से विकसित होते हैं।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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