सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट के उस कप्तान के तौर पर जाना जाता है, जिन्होंने विदेशी जमीन पर उसे लड़ना सिखाया. जिन्होंने भारतीय क्रिकेट से जुड़े ‘घर के शेर’ वाली टैगलाइन को मिटाने का काम किया. सीधे शब्दों में कहें तो भारतीय किकेट की काया पलटने वाले कप्तान थे सौरव गांगुली. अब जब भारत के इतने बड़े कप्तान का जन्मदिन हो तो उनका जिक्र तो बनता है. 8 जुलाई 1972 को कोलकाता में जन्में सौरव गांगुली 54 साल के हो गए हैं. वैसे तो सौरव गांगुली को लेकर सुनाने को काफी सारी बातें हैं. लेकिन, हमने सोचा क्यों ना 8 जुलाई को दादा से जुड़ी 8 बड़ी बातों का ही जिक्र कर लिया जाए?
सौरव गांगुली से जुड़ी 8 बड़ी बातेंवनडे क्रिकेट में सौरव गांगुली लगातार 4 बार प्लेयर ऑफ द मैच जीतने वाले इकलौते क्रिकेटर हैं.
सौरव गांगुली इकलौते क्रिकेटर हैं, जिन्होंने 1997 से 2000 के बीच लगातार 4 कैलेंडर ईयर में 1000 या उससे ज्यादा रन बनाए. 1997 में उन्होंने 1338 रन बनाए थे. 1998 में 1328 रन. 1999 में 1767 रन बनाए जबकि 2000 में उन्होंने 1579 रन जड़े थे.
सौरव गांगुली ने अपने वनडे करियर में 11,363 रन बनाए, जो कि भारत के किसी भी बाएं हाथ के बल्लेबाज के बल्ले से निकले सबसे ज्यादा रन हैं. इस मामले में दुनिया में वो श्रीलंका के कुमार संगकारा ( 14,234 रन) और सनथ जयसूर्या ( 13,430 रन) के बाद तीसरे नंबर पर हैं.
सौरव गांगुली दुनिया के उन 6 क्रिकेटरों में शामिल हैं, जिनके नाम वनडे क्रिकेट में 10000 से ज्यादा रन और 100 से ज्यादा विकेट दर्ज हैं.
ICC टूर्नामेंट के फाइनल में शतक जमाने वाले सौरव गांगुली इकलौते भारतीय बल्लेबाज हैं.
सौरव गांगुली के वनडे करियर की सबसे खास बात ये है कि उन्होंने अपने जमाए 22 शतकों में से 18 की स्क्रिप्ट विदेशी जमीन पर लिखी है. मतलब 18 वनडे शतक उन्होंने भारत से बाहर जड़े हैं.
ऑस्ट्रेलिया में वनडे शतक लगाने वाले सौरव गांगुली पहले भारतीय बल्लेबाज हैं. टेस्ट क्रिकेट की बात करें तो उनके नाम SENA देशों में- ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और न्यूजीलैंड में शतक हैं. बस साउथ अफ्रीका में वो ऐसा नहीं कर सके हैं.
ICC वनडे टूर्नामेंट के नॉकआउट में अब तक सिर्फ 3 बल्लेबाज ही ऐसे हुए हैं, जिनके नाम 3 शतक हैं, उनमें एक सौरव गांगुली हैं. उनके अलावा ऐसा करने वाले 2 और बल्लेबाज रिकी पॉन्टिंग और सईद अनवर हैं.