- 20 जून से अब तक प्रदेश में 80 लोगों की मौत
Himachal Heavy Rain Updates, (News), शिमला: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश व बाढ़ से अभी राहत के कोई आसार नहीं हैं। प्रदेश मौसम विभाग के अनुसार कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, सिरमौर, शिमला, चंबा व सोलन में कुछ जगहों पर अगले 24 घंटों में हल्की से मध्यम बाढ़ का खतरा है। विभाग की ओर से इसको लेकर चेतावनी जारी की गई है। अधिकारियों ने राज्य में अलग-अलग जगह अगले सोमवार तक भारी बारिश का चेतावनी देते हुए येलो अलर्ट जारी किया है।
सबसे ज्यादा मंडी जिला प्रभावित
प्रदेश आपातकालीन संचालन केंद्र के मुताबिक 30 जून के बाद बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ व भूस्खलन की घटनाओं में सबसे ज्यादा मंडी जिला प्रभावित हुआ है। अकेले इसी इस जिले में 153 सड़कें बंद हैं। वहीं प्रदेश में 153 सड़कों समेत कुल 225 सड़कें बंद हैं। प्रदेश में 163 ट्रांसफार्मर और 174 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं।
सामान्य बारिश के मुकाबले 203.2 मिमी बारिश दर्ज
हिमाचल प्रदेश में एक जून से 8 जुलाई तक 152.6 मिमी सामान्य बारिश के मुकाबले 203.2 मिमी बारिश हुई है। इस दौरान मंडी जिले में 110 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई। वहीं राजधानी शिमला में 89 फीसदी व ऊना में 86 प्रतिशत बारिश हुई। बता दें कि प्रदेश में मानसून ने 20 जून को दस्तक दी थी। इसके बाद से प्रदेश में 80 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से बारिश से संबंधित घटनाओं जैसे बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन में 52 लोगों की मौत हुई है। अब तक राज्य में बाढ़ की 23 घटनाओं के अलावा 19 बादल फटने और 16 भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। अधिकारियों ने कहा कि शेष 28 मौतें सड़क दुर्घटनाओं से जुड़ी थीं।
सोमवार शाम से हो रही मध्यम से भारी बारिश
राज्य के कई हिस्सों में सोमवार शाम से मध्यम से भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार मंडी जिले के गोहर में 85 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं सराहन में 84.5 मिमी, बैजनाथ में 60 मिमी, पालमपुर में 27.2 मिमी और शिमला में 19 मिमी बारिश दर्ज की गई।
मंडी जिले में खोज और बचाव लगातार जारी
अधिकारियों ने कहा कि मंडी जिले में खोज और बचाव लगातार जारी है। थुनाग, गोहर और करसोग उपखंडों में पिछले सप्ताह लापता हुए 28 लोगों का पता लगाने के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों का इस्तेमाल किया जा रहा है। एसईओसी के अनुसार अब तक बारिश के कारण अनुमानित नुकसान लगभग 692 करोड़ रुपए है। अधिकारी ने कहा कि यह आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि डेटा अभी भी संकलित किया जा रहा है।
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