राजस्थान में इस साल तय समय से पहले पहुंचे मानसून ने प्रदेश के बांधों और तालाबों को लबालब कर दिया है। जयपुर की लाइफलाइन बीसलपुर बांध भी इस बार जून से ही भरने लगा है। अब बांध में पानी की आवक तो लगातार हो रही है, लेकिन जलस्तर बढ़ने की रफ्तार धीमी पड़ गई है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने इस बार भी बांध के छलकने की उम्मीद जताई है। पिछले 12 घंटे में बांध का जलस्तर तीन सेंटीमीटर बढ़ गया है, जबकि त्रिवेणी संगम में पानी की आवक कम होने लगी है।
पिछले 12 घंटे में 3 सेमी बढ़ा जलस्तर
पिछले 24 घंटे में चित्तौड़गढ़ व भीलवाड़ा जिलों में धीमी गति से चल रही बारिश के कारण खारी, डाई व भेड़च नदियों में पानी की आवक अब कम हो गई है। तीनों नदियों का पानी बनास नदी के जरिए त्रिवेणी संगम में मिलता है और वहां से बीसलपुर बांध के जलग्रहण क्षेत्र में पहुंचता है। बारिश के धीमे दौर के कारण बीसलपुर बांध में पानी की आवक भी धीमी पड़ने लगी है। बांध में अब तक 70.77 फीसदी पानी दर्ज किया जा चुका है। वहीं त्रिवेणी में पानी का बहाव 2.80 मीटर पर है।
ओवरफ्लो होने की उम्मीदें बनी हुई हैं
भीलवाड़ा व चित्तौड़गढ़ जिलों में धीमी गति से चल रही बारिश के कारण बीसलपुर बांध में पानी की आवक भी धीमी गति से हो रही है। मंगलवार सुबह त्रिवेणी संगम में पानी का बहाव 2.80 मीटर दर्ज किया गया। हालांकि बांध में पानी की आवक जारी है। सुबह बांध का जलस्तर 313.87 आरएल मीटर दर्ज किया गया। बांध अब ओवरफ्लो होने से 1.63 आरएल मीटर दूर है।
इस साल 8वीं बार ओवरफ्लो होगा बांध
जयपुर की लाइफलाइन बीसलपुर बांध अपने निर्माण के बाद से अब तक सात बार ओवरफ्लो हो चुका है। पिछले साल भी बांध में भारी मात्रा में पानी भरा था। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस बार भी पानी की बंपर आवक के चलते बांध के 8वीं बार ओवरफ्लो होने की उम्मीद है। हालांकि बांध अभी भी अपनी पूरी भराव क्षमता से 1.63 मीटर दूर है।
फैक्ट फाइल बीसलपुर बांध परियोजना
बांध की आधारशिला 1985 में रखी गई थी
बांध का निर्माण 1987 में शुरू हुआ था
बांध 1996 में बनकर तैयार हुआ था
इस पर 832 करोड़ रुपये की लागत आई थी
पानी भरने की क्षमता 315.50 आरएल मीटर
कुल पानी भरने की क्षमता 38.708 टीएमसी पानी भरा गया
बांध अब तक सात बार ओवरफ्लो हो चुका है
निर्माण के बाद पहली बार 2004 में गेट खोले गए थे
बांध दूसरी बार 2006 में ओवरफ्लो हुआ था
बांध तीसरी बार 2014 में खोले गए थे
बांध के गेट 2016 में भी खोले गए थे
बांध के 17 गेट 2019 में खोले गए थे
बांध 2022 में भी ओवरफ्लो हुआ था
बांध 2024 में सातवीं बार ओवरफ्लो हुआ था