सेविंग खातों में मिनिमम बैलेन्स रखने का झंझट खत्म, इन 5 बैंकों में नही लगेगा जुर्माना Bank Minimum Balance Rule – अभी पढ़ें ये खबर
Rahul Mishra (CEO) July 08, 2025 11:28 PM

बैंक न्यूनतम शेष नियम: मिनिमम बैलेंस ना रखने पर लगने वाली पेनाल्टी लंबे समय से बैंक ग्राहकों की परेशानी का कारण रही है। कई बार ग्राहक की जेब से बिना जानकारी के शुल्क कट जाता है। लेकिन अब बड़ी राहत की खबर है। देश के 5 प्रमुख बैंकों ने अपने सेविंग अकाउंट्स पर मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की अनिवार्यता खत्म कर दी है। यानी अब ग्राहकों को खाते में न्यूनतम राशि न होने पर कोई चार्ज नहीं देना पड़ेगा।

1 जुलाई से Bank of Baroda में लागू हुआ नया नियम

बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) ने घोषणा की है कि 1 जुलाई 2025 से उसके सभी स्टैंडर्ड सेविंग अकाउंट्स पर मिनिमम बैलेंस चार्ज खत्म कर दिए गए हैं। अब यदि ग्राहकों का बैलेंस तय सीमा से कम भी होता है, तब भी कोई जुर्माना नहीं लगेगा। हालांकि, यह सुविधा प्रीमियम सेविंग स्कीम्स पर लागू नहीं होगी। यह बदलाव आम ग्राहकों को राहत देने के उद्देश्य से किया गया है।

इंडियन बैंक ने 7 जुलाई से हटाया मिनिमम बैलेंस चार्ज

Indian Bank ने भी अपने सभी Savings Account ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। 7 जुलाई 2025 से बैंक ने मिनिमम बैलेंस मेंटेन न करने पर लगने वाला चार्ज पूरी तरह समाप्त कर दिया है। इसका मतलब है कि अब ग्राहक बैलेंस कम होने की चिंता के बिना अकाउंट का उपयोग कर सकते हैं।

Canara Bank पहले ही कर चुका है घोषणा

Canara Bank ने मई 2025 में ही स्पष्ट कर दिया था कि उसके सभी सेविंग अकाउंट्स — रेगुलर, सैलरी और NRI अकाउंट्स — पर अब AMB (Average Monthly Balance) बनाए रखना अनिवार्य नहीं रहेगा। यह फैसला बैंक ने ग्राहकों की सुविधा और वित्तीय समावेशन को ध्यान में रखते हुए लिया है। इससे छोटे खाताधारकों को बड़ी राहत मिली है।

पंजाब नेशनल बैंक ने भी हटाया चार्ज

PNB (Punjab National Bank) ने भी अपने सभी सेविंग्स अकाउंट्स से मिनिमम बैलेंस चार्ज खत्म कर दिया है। पहले, यदि किसी खाते में निर्धारित राशि से कम बैलेंस होता था, तो बैंक जुर्माना वसूलता था। अब यह नियम पूरी तरह से हटा लिया गया है, जिससे लाखों ग्राहकों को सीधी राहत मिलेगी।

SBI पहले ही 2020 से कर चुका है बदलाव

देश का सबसे बड़ा बैंक SBI (State Bank of India) पहले ही मार्च 2020 में सभी सेविंग अकाउंट्स के लिए मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता को समाप्त कर चुका है। यानी अब SBI ग्राहकों को भी बैलेंस कम होने पर कोई चार्ज नहीं देना पड़ता है। यह कदम बैंक ने कोविड काल में ग्राहकों की सुविधा के लिए उठाया था, जो अब भी लागू है।

क्या है Average Monthly Balance (AMB) और क्यों था यह जरूरी?

AMB यानी औसत मासिक बैलेंस वह न्यूनतम राशि होती है जिसे ग्राहक को महीने भर में खाते में बनाए रखना होता है। यदि यह राशि तय सीमा से नीचे जाती थी, तो बैंक पेनाल्टी चार्ज करता था। हालांकि अब कई बैंक इस नियम को हटाकर ग्राहकों को लचीलापन दे रहे हैं, ताकि वे अपनी आवश्यकताओं और स्थिति के अनुसार फंड का उपयोग कर सकें।

इन बदलावों से ग्राहकों को क्या फायदा होगा?

  • पेनाल्टी से राहत: अब खाते में कम पैसे होने पर कोई चार्ज नहीं कटेगा
  • लचीलापन: ग्राहक अपनी सुविधा से फंड का उपयोग कर सकेंगे
  • नए अकाउंट खुलवाने में रुचि: इससे नए ग्राहकों को बैंकिंग से जोड़ने में मदद मिलेगी
  • छोटे खाताधारकों को राहत: जिनकी आमदनी सीमित है, उनके लिए ये नियम फायदेमंद साबित होंगे

किन्हें नहीं मिलेगी यह सुविधा?

ध्यान देने वाली बात यह है कि कुछ बैंकों ने यह सुविधा केवल स्टैंडर्ड सेविंग अकाउंट्स तक सीमित रखी है। यानी प्रीमियम, स्पेशल स्कीम्स, या कॉर्पोरेट अकाउंट्स पर पुराने नियम अभी भी लागू हो सकते हैं। इसलिए ग्राहकों को अपने बैंक से कंफर्म कर लेना चाहिए।

बैंकिंग सिस्टम में यह बदलाव कितना जरूरी?

भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए बैंकों द्वारा उठाए गए इस तरह के कदमों को बेहद सकारात्मक माना जा रहा है। मिनिमम बैलेंस का डर हटने से अब ग्रामीण और निम्न आय वर्ग के लोग भी बैंकिंग प्रणाली से जुड़ने के लिए प्रेरित होंगे। इससे डिजिटल और कैशलेस ट्रांजैक्शन को भी बढ़ावा मिलेगा।

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