तुलसी का पौधा घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और नकारात्मकता को दूर करता है. सावन में वातावरण में विशेष ऊर्जा होती है, ऐसे में तुलसी की उपस्थिति घर के माहौल को शांतिपूर्ण और खुशहाल बनाती है.
तुलसी को भगवान विष्णु की बहुत ही प्रिय जिन्हें “हरिप्रिया” भी कहा जाता है. भगवान विष्णु को तुलसी पत्र के बिना कोई भी भोग स्वीकार्य नहीं होता. इसलिए सावन में तुलसी की पूजा और भोग में तुलसी का उपयोग करने से भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रोजाना तुलसी को जल चढ़ाने और उसकी पूजा करने से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. पद्मपुराण के अनुसार, तुलसी के पत्तों से टपकते जल को सिर पर लगाना गंगा में पवित्र स्नान के बराबर है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तुलसी में जल चढ़ाने से कुंडली में मौजूद कई ग्रह दोषों का शमन होता है, विशेषकर बृहस्पति ग्रह से संबंधित दोष समाप्त होते हैं.
सावन में सच्ची श्रद्धा से तुलसी की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. अपनी विशेष इच्छाओं की पूर्ति के लिए तुलसी माता से प्रार्थना करना अत्यंत फलदायी माना जाता है.
इन धार्मिक कारणों से सावन में तुलसी से जुड़े उपाय अत्यंत पुण्यकारी और फलदायी माने जाते हैं, जिससे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है.