राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, सबसे अधिक प्रभावित मंडी जिले में 153 मार्गों समेत कुल 225 सड़कें बंद कर दी गई हैं, जबकि राज्य में 163 ट्रांसफॉर्मर एवं 174 जलापूर्ति योजनाओं पर असर पड़ा है। अब तक बारिश के कारण अनुमानित नुकसान लगभग 692 करोड़ रुपए हैं।
हिमाचल प्रदेश में 1 जून से 8 जुलाई तक 203.2 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई है, जबकि इस अवधि में सामान्यत: 152.6 मिमी वर्षा होती है। इस दौरान मंडी जिले में 110 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई, शिमला में 89 फीसदी और ऊना में 86 फीसदी वर्षा हुई। मानसून ने 20 जून को हिमाचल प्रदेश में दस्तक दी थी। सोमवार शाम से राज्य के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हो रही है।
मौसम विभाग के अनुसार, गोहर में 85 मिमी, सराहन में 84.5 मिमी, बैजनाथ में 60 मिमी, नाहन में 54.2 मिमी, पावंटा साहिब में 48 मिमी, नैना देवी में 46.2 मिमी, कसौली में 37 मिमी, जोगिंदरनगर में 28 मिमी, पालमपुर में 27.2 मिमी और शिमला में 19 मिमी बारिश दर्ज की गई।
अधिकारियों ने बताया कि 20 जून को मानसून के आगमन के बाद से हिमाचल प्रदेश में आकस्मिक बाढ़ की 23, बादल फटने की 19 और भूस्खलन की 16 घटनाएं हुई हैं तथा राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं में अब तक 80 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 52 की जान बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन जैसी बारिश से जुड़ी घटनाओं में गई। शेष 28 मौतें सड़क दुर्घटनाओं से हुई।
edited by : Nrapendra Gupta