बार-बार पेशाब आना और भूख में कमी, किडनी की खराबी के संकेत हो सकते हैं। यदि ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ दिखाई दें, तो इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
किडनी हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, जो रक्त में मौजूद विषैले तत्वों को छानकर उन्हें बाहर निकालने का कार्य करती है। इसके अलावा, यह शरीर में पानी और रासायनिक संतुलन बनाए रखने में भी मदद करती है। जब किडनी कमजोर होती है, तो यह कई संकेत देती है, जैसे बार-बार पेशाब आना और भूख में कमी।
डॉ. हिमांशु वर्मा के अनुसार, बार-बार पेशाब आने के कई कारण हो सकते हैं। यह किडनी की समस्या का संकेत हो सकता है, लेकिन इसके अलावा अधिक पानी पीना, ठंडा मौसम, डायबिटीज, यूरिनरी ट्रैक्ट में संक्रमण, पुरुषों में प्रोस्टेट की समस्याएं या कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट भी इसके कारण हो सकते हैं।
डॉ. वर्मा बताते हैं कि जब किडनी कमजोर होने लगती है, तो यह रक्त को सही तरीके से छान नहीं पाती। इससे शरीर में पानी और विषैले पदार्थों का संतुलन बिगड़ जाता है। प्रारंभिक अवस्था में पेशाब की मात्रा बढ़ सकती है, लेकिन जैसे-जैसे किडनी की स्थिति बिगड़ती है, पेशाब की मात्रा कम हो सकती है या उसमें झाग और खून भी आ सकता है।
किडनी की खराबी का एक और लक्षण भूख में कमी है। जब किडनी ठीक से कार्य नहीं करती, तो शरीर में विषैले पदार्थ जमा होने लगते हैं, जिससे मतली, उल्टी और मुंह का स्वाद खराब होने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
बार-बार पेशाब और भूख में कमी के अलावा, किडनी की समस्याओं के अन्य लक्षणों में पैरों, टखनों या चेहरे पर सूजन, लगातार थकान, सांस फूलना, त्वचा में खुजली, और उच्च रक्तचाप शामिल हो सकते हैं।
यदि बार-बार पेशाब आना और भूख में कमी 1 से 2 हफ्ते से अधिक समय तक बनी रहे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा, पेशाब में झाग, खून, जलन या दर्द के साथ-साथ शरीर में सूजन, थकान, और वजन में तेजी से कमी भी किडनी की समस्या का संकेत हो सकते हैं।
किडनी की समस्याओं से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना आवश्यक है। इसके साथ ही, फल, सब्जियों, कम नमक और कम प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। नियमित व्यायाम और रक्त शर्करा तथा रक्तचाप को नियंत्रित रखना भी महत्वपूर्ण है।