हाल ही में जब अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान—पर हमला किया, तो B-2 विमानों ने बंकर बस्टर बमों और टॉमहॉक मिसाइलों से तबाही मचाई. लेकिन अब इससे भी ज़्यादा खतरनाक हथियार आने वाला है—B-21 रेडर, जो न सिर्फ उड़ता है, बल्कि पूरी तरह छिप भी जाता है.
B-21 रेडर अमेरिका का सबसे गोपनीय डिफेंस प्रोजेक्ट है, लेकिन कुछ ओपन सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) और सैटेलाइट डेटा ने इसकी चुपचाप चल रही तैयारी की पोल खोल दी है. कैलिफोर्निया के एडवर्ड्स एयरफोर्स बेस में हाल ही में B-21 की कई टेस्ट उड़ानें देखी गई हैं। जानकार मानते हैं कि ये उड़ानें रडार से अदृश्य रहने की क्षमता को परखने के लिए थीं। यानी ये बॉम्बर उड़ता है लेकिन रडार को भनक तक नहीं लगती.
B-2 से कैसे अलग है B-21?B-2 स्पिरिट और B-21 रेडर दोनों ही स्टील्थ बॉम्बर हैं, लेकिन B-21 को अगली पीढ़ी की तकनीक से लैस कर पूरी तरह भविष्य की लड़ाइयों के लिए तैयार किया गया है. जहां B-2 रडार से बचने में सक्षम था, वहीं B-21 की स्टेल्थ तकनीक इससे कहीं ज्यादा उन्नत है, जो इसे लगभग अदृश्य बना देती है. B-2 में हीट सिग्नेचर को कम करने की कोशिश जरूर की गई थी, लेकिन B-21 में पूरी तरह थर्मल मास्किंग सिस्टम मौजूद है, जिससे वह इंफ्रारेड डिटेक्शन से भी बच निकलता है. इसके अलावा, B-21 में AI और हेल्थ मॉनिटरिंग जैसी स्मार्ट क्षमताएं भी जोड़ी गई हैं, जो विमान को खुद अपनी तकनीकी खराबियों का पता लगाने में मदद करती हैं.
हथियारों की प्रैक्टिस, लेकिन बिना धमाकेअब तक किसी लाइव हथियार परीक्षण की बात सामने नहीं आई है. लेकिन खबर है कि जुलाई 2025 में इसके वेपन बे ओपनिंग और ‘डमी’ बम छोड़ने के टेस्ट होंगे यानि असली बम नहीं, लेकिन असली हालात में प्रैक्टिस. अधिकारिक रूप से भले ही पेंटागन और नॉर्थरोप ग्रुम्मन चुप हैं, लेकिन लीक हुई जानकारियां बताती हैं कि B-21 का पहला तैनाती चरण 2027 में होगा और पूरी तरह ऑपरेशनल 2029 तक माना जा रहा है. जैसे ही ये ड्यूटी पर आएगा.