जापान का कंसाई इंटरनेशनल हवाई अड्डे की नई तस्वीर डराने वाली है. यह हवाई अड्डा समुद्र में डूब रहा है. ओसाका खाड़ी में आर्टिफिशियल द्वीप में बनाए गए इस हवाई अड्डे को इंजीनियरिंग का चमत्कार माना जाता है. यह जापान के लिए प्रमुख विमानन केंद्र के तौर पर काम करता है. एक आंकड़े के मुताबिक यह हवाई अड्डा पर 25 देशों के 91 शहरों से फ्लाइट आती जाती हैं, जिनसे आवागमन करने वालों का आंकड़ा हर साल 3 करोड़ से ज्यादा होता है.
कंसाई हवाई अड्डे को एशिया का सबसे व्यस्ततम हवाई अड्डा माना जाता है, मगर अब ये धीरे-धीरे समुद्र में डूबता जा रहा है, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह द्वीप अपनी शुरुआत के बाद से अब तक तकरीबन 12 फीट नीचे धंस चुका है. इस द्वीप के साथ बाद में एक और आईलैंड जोड़ा गया था जो अब तक 57 फीट नीचे धंसा है. ऐसे हालात में जापान सरकार भी डरी हुई है.
बढ़ रहा समुद्र का जल स्तर, एयरपोर्ट बचाने पर हो रहा कामजापान सरकार की ओर से कंसाई एयरपोर्ट की गहन निगरानी कराई जा रही है, पिछले एक साल में इसे 54 अलग अलग बिंदुओं पर देखा गया, जिसमें सामने आया कि यह 21 सेंटीमीटर से ज्यादा धंस चुका है. जापान को चिंता है कि यदि ये एयरपोर्ट डूब गया तो भविष्य में परिवहन को लेकर बड़ी समस्या हो सकती है. फिलहाल यह हवाई अड्डा अभी चालू है, इंजीनियर इस द्वीप के धंसने की रफ्तार को लगाकार धीमा करने में जुटे हुए हैं.
समुद्र में क्यों बनाया गया एयरपोर्टजापान के ओसाका क्षेत्र में जमीन की कमी है, यहां बड़ी संख्या में लोग रहते हैं, ऐसे में कंसाई हवाई अड्डे का निर्माण करने के लिए जापान ने समुद्र में 5 किमी अंदर एक द्वीप बनाया था. इसमें 20 मीटर गहरी मिट्टी पर नींव तैयार की गई थी, 20 करोड़ घन मीटर से ज्यादा मिट्टी पर इसे तैयार किया गया था. हालांकि द्वीप पर लगातार बढ़ रहे वजन की वजह से मिट्टी का आकार सिकुड़ रहा है. मीजी विश्वविद्यालय में शहरी नियोजन के प्रोफेसर हिरो इचिकावा ने बताया कि यह हर साल 10 सेंटीमीटर से भी कम दर से डूब रहा है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है.
2018 में सामने आई थी कमजोरीकंसाई एयरपोर्ट की कमजोरी सबसे पहले 2018 में सामने आई थी, जब टाइफून जेबी ने जापान में हिट किया था. यह पिछले 25 साल में आया सबसे शक्तिशाली तूफान था, द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार इस बारिश की वजह से हवाई अड्डे के बेसमेंट में पानी भर गया था. इससे 5000 यात्री 24 घंटे से ज्यादा समय तक फंसे रहे थे. यह तूफान इतना तेज था कि इसकी गति से एक टैंकर एयरपोर्ट को जमीन से जोड़ने वाले पुल से टकरा गया था.
15 करोड़ डॉलर किए जा रहे खर्चएयरपोर्ट को डूबने से बचाने के लिए इंजीनियरियों की टीम लगातार काम कर रही है, द नेशनल थाईलैंड की हाल ही में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार धंसाव लगातार जारी है, ऐसे में एयरपोर्ट के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 15 करोड़ डॉलर से ज्यादा रुपये का निवेश किया गया है. इससे आपता प्रतिक्रिया केंद्र व अन्य प्रमुख उपकरणों को बाढ़ के स्तर से ऊपर उठा दिया गया है. माना जा रहा है कि द्वीप को समुद्र में डूबने से रोकना नामुमकिन है, मगर इसे सुरक्षित सीमा के भीतर प्रयोग किया जा सकता है.