सावन का महीना जब दस्तक देता है, तो हर कोना हरियाली से खिल उठता है और वातावरण में त्योहारों की मिठास घुल जाती है। ऐसे में महिलाओं के चेहरे पर एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है, जब वे अपने हाथों को मेंहदी से सजाती हैं। मेंहदी लगाना सिर्फ एक श्रृंगार भर नहीं है, बल्कि यह एक भावनात्मक परंपरा और भक्ति का प्रतीक भी है। सावन के पावन महीने में जब महिलाएं हरे रंग की चूड़ियां पहनती हैं, हरी साड़ियां ओढ़ती हैं और हाथों में मेंहदी रचाती हैं, तो उसमें छिपा होता है उनकी श्रद्धा, प्रेम और सौभाग्य की भावना।
ऐसा कहा जाता है कि इस महीने में मेंहदी लगाने से माता पार्वती प्रसन्न होती हैं और उनका आशीर्वाद पति-पत्नी के रिश्ते को और भी गहरा बनाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह परंपरा सिर्फ धार्मिक आस्था से जुड़ी नहीं है, बल्कि सेहत से भी गहरा संबंध रखती है?
धार्मिक आस्था और संस्कृति का रंग चढ़ा है मेंहदी में
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, सावन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। मान्यता है कि इसी मास में माता पार्वती ने शिव को पाने के लिए कठोर तप किया और उन्हें प्रसन्न किया। ऐसी श्रद्धा को दर्शाने के लिए महिलाएं आज भी सावन में मेंहदी लगाकर माता पार्वती की पूजा करती हैं और सुखमय वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करती हैं। यह रंग जितना गहरा होता है, पति का प्रेम भी उतना ही गहरा माना जाता है – एक भावुक विश्वास जो पीढ़ियों से महिलाओं को जोड़ता चला आ रहा है।
सोलह श्रृंगार में विशेष स्थान रखती है यह सुगंधित परंपरा
भारतीय संस्कृति में सुहागन स्त्रियों के 16 श्रृंगारों का विशेष महत्व है और मेंहदी इनका अहम हिस्सा है। सावन की हरियाली तीज, झूले, गीत-संगीत के बीच जब महिलाएं मेंहदी रचाती हैं, तो उसमें सिर्फ सुंदरता नहीं, बल्कि उत्सव का रंग, भक्ति का रस और अपने जीवनसाथी के प्रति समर्पण की झलक दिखती है।
मेंहदी से जुड़े वो 5 चमत्कारी फायदे, जिन्हें जानकर आप भी कहेंगे – वाह!
1. तनाव और मानसिक थकान से राहत दिलाए
मेंहदी सिर्फ हाथों को नहीं सजाती, यह आपके मन को भी ठंडक देती है। इसकी खुशबू और ठंडक भरी प्रकृति मन को शांत करती है, जिससे तनाव दूर होता है। सावन की उमस भरी दोपहर में जब मेंहदी की ठंडक हथेलियों में समा जाती है, तो मानो पूरा तन-मन तरोताजा हो उठता है।
2. नाखूनों और त्वचा की सेहत का रखती है ध्यान
मेंहदी में प्राकृतिक औषधीय गुण होते हैं। यह नाखूनों को मजबूत बनाती है, आसपास की त्वचा को साफ करती है और बैक्टीरिया को दूर करती है। अगर उंगलियों या नाखूनों में हल्की सी भी तकलीफ हो, तो मेंहदी का लेप चमत्कारी असर दिखा सकता है।
3. स्किन केयर और एंटी-एजिंग में देती है प्राकृतिक सुरक्षा
मेंहदी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स स्किन की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं। झुर्रियों और दाग-धब्बों से राहत मिलती है और त्वचा में प्राकृतिक निखार आता है। यह एक नेचुरल ब्यूटी ट्रीटमेंट है जो किसी भी महंगे कॉस्मेटिक को मात दे सकता है।
4. नींद न आने की परेशानी में भी मिलती है राहत
अगर किसी को नींद नहीं आती, तो मेंहदी का तेल सिर या पैरों पर लगाने से राहत मिलती है। यह दिमाग को शांत करता है और अच्छी नींद लाने में मदद करता है। बिना किसी साइड इफेक्ट के यह आयुर्वेदिक उपाय नींद की गुणवत्ता बेहतर बनाता है।
5. घाव और जलन में भी राहतदायक
मेंहदी का इस्तेमाल पुराने समय से चोट या जलन की स्थिति में किया जाता रहा है। इसके एंटीसेप्टिक गुण घाव को तेजी से भरने में मदद करते हैं और संक्रमण से बचाते हैं। यह एक ऐसा घरेलू नुस्खा है जो आज भी पूरी तरह कारगर साबित होता है।