भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक बना नीला ड्रम, 121 लीटर गंगाजल के साथ निकले शिवभक्त भीम

Kavad Yatra : सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है, इस पावन माह में भगवान शंकर के भक्त कांवड़ लेकर हरिद्वार पहुंच रहे हैं। शिवभक्तों ने अपने पवित्र गंगा जल को कंधे पर यखकर सैकड़ों मील की पदयात्रा शुरू कर दी है। दिल्ली-देहरादून हाइवे पर भोले बम-बम की गूंज के साथ कावड़ियों की टोली नजर आ रही है। जब मस्ती में झूमते-गाते रंग-बिरंगी कावड़ लिए कावड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने-अपने शिवालयों की ओर बढ़ते हैं तो सड़कों पर देखने वालों की भीड़ जमा हो जाती है। शिवभक्त हर साल अनूठी कांवड़ से लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचते हैं। इस बार एक विशेष कांवड़ चर्चा का विषय बनी हुई है,वह भी अपने आकार और रंग के कारण।
दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-58) पर इन दिनों शिवभक्तों की चहल-पहल बढ़ गई है। मेरठ के सिवाया टोल प्लाजा पर जब एक भक्त नीले रंग की बड़ी ड्रम वाली कांवड़ लेकर पहुंचा, तो लोग अचंभित हो गए, क्योंकि पिछले दिनों नीला ड्रम सोशल मीडिया और आम आदमी तक सुर्खियों में रहा है। ड्रम से अनोखी कांवड़ तैयार करने वाले शख्स का नाम भीम है और यह गाजियाबाद के रहने वाला है।
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शिवभक्त भीम को 121 लीटर गंगाजल लाने के लिए बड़े बर्तन की आवश्यकता थी, इसलिए उसने परंपरागत कलश के स्थान पर दो बड़े नीले ड्रम खरीदे, कावड़ बनाई और हरिद्वार पहुंच गया। नीले ड्रम में 121 लीटर गंगाजल लेकर अब वह एनएच-58 पर पदयात्रा कर रहा है, वह जिस मार्ग से गुजर रहा है, वहां के नागरिक बरबस कह उठते हैं देखो नीले ड्रम वाली कांवड़ जा रही है।
मेरठ के नीले ड्रम का देश-विदेश तक तहलका मच चुका है, क्योंकि कुछ माह पूर्व एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई थी। यहां ब्रह्मपुरी क्षेत्र में मुस्कान नाम की महिला ने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर अपने पति सौरव की हत्या करके उसके शव को तीन टुकड़ों में काटकर नीले ड्रम में भर दिया और ड्रम को सीमेंट से सील कर दिया। जिसके बाद से यह नीला ड्रम भय और चर्चा का प्रतीक बन गया।
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भीम की नीले ड्रम वाली यह कावड़ जो देख रहा है, वह हैरत में पड़ जाता है, हालांकि शिवभक्त भीम की यह कावड़ उसके भक्ति भाव का प्रतीक है। नीला ड्रम जहां एक बुरे प्रतीक के रूप में देखा जा रहा था वह अब सकारात्मक और भक्ति, श्रद्धा का रूप ले गया है। इसलिए कई लोगों ने इस दृश्य को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड किया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
कंधे पर 121 लीटर गंगाजल लेकर चल रहे शिवभक्त भीम ने बताया कि उसने इस बार संकल्प लिया था कि वह 121 लीटर गंगाजल अपने शिवालय लेकर जाएगा। इस संकल्प को पूरा करने के लिए उसे बड़े पात्र की आवश्यकता थी, लेकिन बड़े कलश महंगे होने के कारण उसने विकल्प के तौर पर नीले प्लास्टिक ड्रम का चयन किया।
भीम का कहना है कि वह इस नीले ड्रम को लेकर चल रही संवेदनशीलता से पूरी तरह अनभिज्ञ नहीं है, लेकिन उसका उद्देश्य केवल और केवल भक्ति है। उसने बताया, मैंने ये ड्रम श्रद्धा से गंगाजल भरने के लिए चुना है। मेरठ की घटना बहुत दुखद थी, लेकिन जब मैंने कांवड़ तैयार की, उस वक्त मेरा ध्यान केवल अपने भगवान और संकल्प पर था। भीम यह भी मानते हैं कि अब नीले रंग की ड्रम वाली कावड़ देखकर लोगों के मन में नीले ड्रम का खौफ खत्म हो जाएगा।
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भीम के मुताबिक, वह सबसे पहले पवित्र गंगाजल को गाजियाबाद के शिवालय में ले जाकर भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करेगा और फिर उसी गंगाजल से अपने माता-पिता को स्नान कराएगा। यह उसकी भक्ति के साथ-साथ पारिवारिक श्रद्धा का भी प्रतीक है। इस अनोखी कांवड़ ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि एक वस्तु जो कभी भय का प्रतीक बन चुकी थी, वही जब भक्ति के रंग में रंगती है तो उसका अर्थ और प्रभाव बदल जाता है।
Edited By : Chetan Gour