गुरु (बृहस्पति) वृषभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं
शनि कुंभ में वक्री चाल में हैं
मंगल कर्क में
सूर्य मिथुन से कर्क में प्रवेश कर रहा है
गुरु का वृषभ राशि में गोचर आपकी सेहत के लिए बेहद लाभकारी रहेगा। लंबे समय से चली आ रही बीमारियों से राहत मिलेगी। मानसिक तनाव में कमी आएगी। हालांकि मंगल के कारण लिवर और पाचन से संबंधित कुछ दिक्कतें हो सकती हैं, इसलिए खानपान संतुलित रखें।
सावधानी:
तेल-मसाले से दूर रहें। नियमित रूप से हल्दी वाला गुनगुना पानी पिएं।
गुरु का आपकी राशि में प्रवेश नई योजनाओं और धन प्राप्ति के द्वार खोलेगा। जो लोग व्यापार करते हैं उन्हें विदेशी क्लाइंट्स या सरकारी टेंडरों से फायदा मिलेगा। नौकरीपेशा लोगों को प्रमोशन के योग हैं, लेकिन शनि की वक्री दृष्टि के कारण यह प्रक्रिया धीमी हो सकती है।
विशेष संकेत:
सॉफ्टवेयर, फैशन, कंसल्टेंसी या शैक्षणिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को अप्रत्याशित लाभ हो सकता है।
शुक्र आपकी राशि का स्वामी है, और गुरु के प्रभाव से रिश्तों में स्थायित्व आएगा। सिंगल लोगों को अच्छा साथी मिल सकता है। विवाहित लोगों के रिश्ते में मधुरता बढ़ेगी, लेकिन सूर्य के गोचर से कभी-कभी अहं का टकराव संभव है।
उपाय:
गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करें। “ॐ ब्रं बृहस्पतये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
गुरु का गोचर पारिवारिक जीवन में सामंजस्य बढ़ाएगा। परिजनों के साथ समय बिताने का अवसर मिलेगा। संतान पक्ष से सुख मिलेगा। शनि की दृष्टि से किसी बुजुर्ग की सेहत थोड़ी कमजोर रह सकती है, उनका ध्यान रखें।
गुरु का राशि परिवर्तन आपको धन, सोना, ज़मीन, और बैंक निवेश से लाभ दिला सकता है। शेयर बाजार में सोच-समझकर निवेश करें, लाभ मिलेगा। पुराने अटके हुए पैसे वापस मिल सकते हैं।
टिप:
मंगलवार को हनुमान मंदिर में गुड़ और चने का भोग लगाएं।
वृषभ राशि के जातकों के लिए यह ग्रह राशि परिवर्तन एक नई ऊर्जा, आत्मबल और सफलता के अवसर लेकर आया है। गुरु की उपस्थिति आपके जीवन को नई दिशा दे सकती है – बस मेहनत और संयम बनाए रखें। यही समय है पुराने कामों को दोबारा शुरू करने और नए रिश्ते बनाने का।