राजकुमार राव इन दिनों अपनी फिल्म ‘मालिक’ के प्रमोशन में बिजी चल रहे हैं. इस फिल्म में राजकुमार कुछ हटकर करते हुए नजर आने वाले हैं. गैंगस्टर के किरदार में एक्टर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचते हुए नजर आ रहे हैं. इसी बीच राजकुमार ने बताया कि कैसे 13 साल पुरानी फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ असल में उनके और नवाजुद्दीन सिद्दीकी के किरदारों के बीच एक टकराव पर बेस्ड कहानी थी. हालांकि बाद में चीज़ें बदल गईं और उनके किरदार को काफी हद तक छोटा कर दिया गया.
पिंकविला से बातचीत के दौरान राजकुमार राव ने याद किया कि कैसे अनुराग कश्यप ने उनसे कॉन्टेक्ट किया और उन्हें ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का ऑफर दिया. उन्होंने कहा, “अनुराग सर ने मुझे ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के लिए बुलाया था. उस समय ‘वासेपुर’ मेरे और नवाज़ (नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी) के बीच की कहानी थी. कहानी इन दोनों किरदारों के बीच थी.”
लोकल भाषा सीखने के लिए वासेपुर गए राजकुमारराजकुमार ने आगे बताया कि वह अनुराग की फिल्म में बराबरी का लीड रोल निभाने के लिए बेहद एक्साइटेड थे. राव ने बताया कि वह और नवाज़ असली वासेपुर भी गए ताकि वहां की बोली और लहजा समझ सकें. उन्होंने कहा, “मैं और नवाज़ असल में लेखक ज़ीशान (ज़ीशान कादरी) के साथ वासेपुर गए थे, हम उन्हें लेके गए थे क्योंकि वो वहीं से हैं. हम लोग वहां रहे थे, मैं अपने वॉइस रिकॉर्डर पर लोगों की आवाज़ रिकॉर्ड कर रहा था ताकि लहजा सीख सकूं और माहौल समझ सकूं. बहुत मज़ा आया.”
तेरा रोल उसमें कुछ बचा नहीं- अनुराग कश्यपएक्टर की मानें तो एक दिन जब वह रागिनी एमएमएस के पैचवर्क में बिजी थे, तब उन्हें अनुराग कश्यप का फोन आया, जिन्होंने राव को उनके ऑफिस में आने के लिए कहा. राजकुमार ने कहा, “मैं उनसे मिला, उन्होंने कहा कि सन स्क्रिप्ट आ गई है, लेकिन अभी तेरा रोल उसमें कुछ बचा नहीं है, तो तू देख क्या करना है. मैं तुम्हें अपनी फिल्म में लेना पसंद करूंगा, लेकिन तुम फैसला करो. मैंने कहा, सर, मुझे आपके साथ काम करना है. मुझे नहीं पता कि कितना बड़ा रोल है, लेकिन जो भी है मैं करूंगा.”
‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’
सभी इंसान हैं और मुझे थोड़ा बुरा लगा- राजकुमारएक्टर ने बताया कि अनुराग कश्यप ने शाहिद के लिए हंसल मेहता को उनके नाम की सिफारिश की थी, जो उनके लिए एक क्रांतिकारी फिल्म साबित हुई. हालांकि राजकुमार ने इस बात को माना कि जब कश्यप ने उन्हें अपने स्क्रीन टाइम कम होने के बारे में बताया तो उन्हें बुरा लगा. राजकुमार बोले, “बेशक थोड़ा बुरा लगा था, क्योंकि मुझे पता नहीं था कि कितना (किरदार) काटा है. हम सभी इंसान हैं. मुझे थोड़ा बुरा तो लगा था कि यार हम लोग तो गए ट्रेन से 3 दिन लगे थे वहां पहुंचने में, ट्रेन से वापस भी आए. किसी के पास पैसा नहीं था. लेकिन जब तक मुझे काम मिल रहा है तब तक सब ठीक था.”