टीवी 9 भारतवर्ष ने आज बिहार की राजधानी पटना में सत्ता सम्मेलन का आयोजन किया हुआ है. इस मंच से कई राजनेताओं ने अपनी बातों को रखा. इसी दौरान बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी मंच पर थे. खान से पूछा गया किसंसद और न्यायपालिका में सर्वोच्च कौन है. क्योंकि यहां एक टकराव देखने को मिल रही है. इस पर आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि आप जितने बड़े हो जाएं, कानून आपके ऊपर है. न कोर्ट, न पार्लियामेंट, कानून ऊपर है. और कानून को बदलने का अधिकार संसद के पास है.
आरिफ मोहम्मद खान से राज्यपाल के काम की डेडलाइन तय करने पर उन्होंने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी नहीं करुंगा. लेकिन संविधान सभा की कार्यवाही को पढ़ने के बाद मेरी अपनी समझ ये है कि भारत हजारों वर्षों तक राजनीतिक तौर पर टुकड़ों में बंटा हुआ था. हमारा डीएनए प्रभावित हुआ है. इसीलिए हमारे यहां जो संविधान सभा के जो सदस्य थे, उन्होंये ये तय किया कि कुछ शक्तियां देश के एकता-अखंडता को प्रभावित कर सकती हैं.
गवर्नर की भूमिका का किया जिक्रखान ने कहा कि चुनी हुई सरकार को बताने के लिए की ये देश खंडों में बंटा हुआ देश अब नहीं है, इस देश का एक संविधान है, उसका ये प्रावधान है, जनता के द्वारा चुनी गई सरकारों को बताने के लिए राज्यपाल का पद बनाया. केवल एमरजेंसी के प्रावधान नहीं थे, जब उनको बदला गया तब भी राज्यपाल के प्रावधान कों बरकरार रखा गया. हमें राज्यपाल के पद को समझने के लिए संविधान सभा की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखना होगा.