बिहार एसआईआर : चुनाव आयोग को बड़ी सफलता, 91.69 प्रतिशत मतदाताओं ने जमा किए फॉर्म
Indias News Hindi July 27, 2025 11:42 PM

New Delhi, 27 जुलाई . बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले हुए विशेष मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) के पहले चरण में चुनाव आयोग को बड़ी सफलता मिली है. 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ (91.69 प्रतिशत) ने अपने गणना फॉर्म जमा कर दिए हैं. इस उपलब्धि के बारे में चुनाव आयोग ने जानकारी दी है.

भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने Friday को बिहार के विशेष मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) के बारे में जानकारी साझा की. ईसीआई ने बताया कि बिहार में विशेष मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) के पहले चरण में शानदार सफलता मिली है. 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ (91.69 प्रतिशत) ने अपने गणना फॉर्म जमा किए. इस दौरान मृत घोषित 22 लाख (2.83 प्रतिशत) हैं. इसके अलावा, स्थायी रूप से स्थानांतरित/नहीं मिले 36 लाख (4.59 प्रतिशत) हैं और एक से अधिक जगहों पर पंजीकृत 7 लाख (0.89 प्रतिशत) हैं.

ईसीआई के मुताबिक, ऐसे लोग जो अन्य राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता बन गए हैं या अस्तित्व में नहीं पाए गए या फिर किसी अन्य कारण से पंजीकरण नहीं करना चाहते थे, इनकी सटीक स्थिति 1 अगस्त 2025 तक इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ) या सहायक ईआरओ द्वारा फॉर्मों की जांच के बाद स्पष्ट होगी. साथ ही जिन मतदाताओं का नाम कई जगहों पर है, उनका नाम केवल एक जगह पर ही रखा जाएगा. इसके अलावा, वास्तविक मतदाता 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक दावे और आपत्ति अवधि के दौरान मतदाता सूची में वापस जोड़े जा सकते हैं.

एसआईआर के पहले चरण में राजनीतिक दलों की भागीदारी भी काफी रही है. चुनाव आयोग के अनुसार, विपक्ष ने सबसे अधिक बूथ लेवल एजेंट बनाए हैं. विशेष मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू होने से पहले और इसके एक महीने बाद तक विपक्षी दलों ने सबसे अधिक बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) नियुक्त किए.

आंकड़ों के अनुसार, कांग्रेस के बीएलए में 105 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि सीपीएम में 1,083 प्रतिशत और सीपीआई (माले) में 542 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई. इसके अतिरिक्त, बहुजन समाज पार्टी के बीएलए में 185 प्रतिशत, भाजपा में 3 प्रतिशत, राष्ट्रीय जनता दल में 1 प्रतिशत, जनता दल (यूनाइटेड) में 31प्रतिशत, और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी में 27 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.

चुनाव आयोग ने पहले चरण की सफलता का श्रेय अधिकारियों को दिया है. ईसीआई ने कहा कि बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, 38 जिलों के डीईओ, 243 ईआरओ, 2,976 एईआरओ, 77,895 मतदान केंद्रों पर तैनात बीएलओ, लाखों स्वयंसेवकों और 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों व 1.60 लाख बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) को इसकी सफलता का श्रेय जाता है.

चुनाव आयोग ने 20 जुलाई 2025 तक सभी राजनीतिक दलों को उन मतदाताओं की बूथ-स्तरीय सूची उपलब्ध करा दी है, जिन्हें मृत घोषित किया गया या जिनके फॉर्म में त्रुटियां थीं या फिर जो दूसरी जगह चले गए या जिन्हें तलाशा नहीं जा सका.

चुनाव आयोग 1 अगस्त 2025 को ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल प्रकाशित करेगा. इसके बाद 1 अगस्त से 1 सितंबर तक राजनीतिक दल और मतदाता अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे, ताकि सूची में जरूरी संशोधन किए जा सकें और छूटे हुए मतदाताओं को जोड़ा जा सके.

एफएम/एएस

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