कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहलगाम अटैक और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लोकसभा में अपनी बात रख रहे हैं. राहुल गांधी ने कहा कि पहलगाम में क्रूर आतंकी हमला हुआ था. हमने सभी ने इस अटैक की निंदा की थी. हम चट्टान की तरह सरकार और फौज के साथ खड़े रहे. सभी दलों ने सरकार का समर्थन किया. हमें गर्व है कि हमने विपक्ष की जिम्मेदारी निभाई. जो हुआ गलत हुआ सभी ने निंदा की.
राहुल ने कहा कि कल मैं रक्षा मंत्री का भाषण सुन रहा था. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद भारत ने पाकिस्तान से कहा कि हम एस्केलेशन नहीं चाहते हैं. अपने आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया है. इसका मतलब ये हुआ है कि हमने मात्र 30 मिनट के भीतर ही पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया. उन्होंने पूछा कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पाकिस्तान को डायरेक्ट जानकारी क्यों दी गई?
राहुल बोले- सरकार ने पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दियाउन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के समय हमारी सबसे बड़ी गलती ये थी कि हम पाकिस्तान को बता रहे हैं कि हम आपके मिलिट्री सिस्टम पर अटैक नहीं करेंगे. भारत सरकार ने यहां गलती की है. भारत सरकार की इच्छाशक्ति में कमी देखने को मिली. पाकिस्तान के डिफेंस पर हमला न करना चूक था, हमारे कुछ जेट्स भी गिरे. सरकार ने सेना को हमले को पूरी छूट नहीं दी.
टाइगर को पूरी फ्रीडम देनी होगी, बोले राहुलराहुल गांधी ने इससे पहले कहा कि राजनीतिक काम करते हुए हम पूरे देश में जाते हैं. सभी से मिलते हैं. जब भी मैं फोर्स के किसी व्यक्ति के से हाथ मिलता हूं, मुझे पता लग जाता है कि ये सेना का आदमी है. इसको हिलाया नहीं जा सकता है, ये देश के लिए खड़ा रहेगा. ये देश के लिए लड़ने और मरने के लिए तैयार रहता है. टाइगर को पूरी फ्रीडम देनी होती है, उसे बांध कर नहीं रख सकते हैं.
‘971 की लड़ाई में राजनीतिक ताकत दिखाई दी थी’नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आप सेना का प्रयोग करना चाहते हो तो आपके पास सबसे पहले 100 फीसदी राजनीतिक क्षमता होनी चाहिए और दूसरा अगर आप सेना का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आपको सेना को फुल फ्रीडम देना चाहिए. 1971 की लड़ाई में राजनीतिक ताकत दिखाई दी थी. उसी का नतीजा था कि पाकिस्तान के 1 लाख सैनिकों को सरेंडर करना पड़ना था.