राजस्थान साइबर थाना पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट स्कैम मामले में एक और बड़ी सफलता हासिल की है। जयपुर के 75 वर्षीय बुजुर्ग से 23.56 लाख रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के एक प्रमुख सहयोगी को गोआ से गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी साइबर अपराध के संगठित नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम का पर्दाफाश:
डिजिटल अरेस्ट स्कैम एक ऐसा ऑनलाइन धोखाधड़ी का मामला है जिसमें ठग मोबाइल फोन कॉल या मैसेज के जरिए लोगों को फंसाकर उनसे भारी रकम ठग लेते हैं। यह गिरोह वृद्धजनों को निशाना बनाकर उन्हें पुलिस या न्यायालय के नाम पर धमकाता था और पैसे हड़पता था। जयपुर के 75 वर्षीय पीड़ित के साथ भी इस तरह की धोखाधड़ी हुई थी।
गोआ से हुई गिरफ्तारी:
राजस्थान साइबर थाना की टीम ने गोआ में एक लंबी और जटिल छानबीन के बाद गिरोह के इस सहयोगी को दबोच लिया। आरोपी के कब्जे से साइबर अपराध में इस्तेमाल होने वाले कई उपकरण और डिजिटल साक्ष्य भी बरामद किए गए हैं, जिनसे इस गिरोह के अन्य सदस्य भी जल्द ही पकड़े जा सकते हैं।
साइबर पुलिस की कार्रवाई:
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह गिरफ्तारी संगठित साइबर अपराध के खिलाफ उनकी निरंतर कार्रवाई का परिणाम है। डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, इसलिए पुलिस ने इस तरह के गिरोहों को तोड़ने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए विशेष टीमें गठित की हैं।
पीड़ितों के लिए राहत:
75 वर्षीय बुजुर्ग पीड़ित को 23.56 लाख रुपये की ठगी से निजात दिलाने के लिए अब पुलिस जल्द ही अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी भी करेगी। साथ ही, साइबर थाना लोगों को इस तरह के ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए जागरूक भी कर रहा है।
आगे की संभावित कार्रवाइयां:
पुलिस ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए जांच जारी है। साथ ही साइबर अपराध के मामलों को रोकने के लिए राज्य स्तर पर जागरूकता अभियान भी तेज किए जाएंगे।