उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले की पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां पुलिस की छोटी सी गलती के कारण एक निर्दोष व्यक्ति गुनहगारों की सूची में शामिल हो गया. उसे खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए कोर्ट का सहारा लेना पड़ा. बेगुनाह भाई ने कोर्ट में अर्जी लगाकर जमानत ले ली है. पुलिस ने मृतक मोहम्मद सोहेल खां की जगह उसके भाई शोहेब अहमद को जेल भेज दिया था. 9 साल पहले आरोपी मोहम्मद सोहेल खां को कोर्ट ने वारंट जारी किया था. उसकी 8 साल पहले ही मौत हो चुकी है.
शोहेब के ऊपर एक भी मुकदमे नहीं है. शोहेब पुलिस से बार-बार दलील देता रहा कि उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. इसके बावजूद पुलिस ने उसकी एक न सुनी और मृतक भाई की जगह उसे जेल भेज दिया. कोर्ट प्रथम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 30 जनवरी 2016 को अदलहाट थाना क्षेत्र के रसूलागंज के रहने वाले मोहम्मद सोहेल खां के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था.
केस में नहीं था नाम और भेज दिया जेलवहीं पुलस ने 26 जुलाई 2025 को गलत गैर जमानती वारंट जारी कर मोहम्मद सोहेल खां की जगह उसके भाई शोहेब अहमद को रिमांड पर लेकर जेल भेज दिया. बेगुनाह शोहेब ने कोर्ट में अर्जी लगाकर बताया कि जिस वारंट में मुझे जेल भेजा गया, उस मुकदमे में मेरा नाम नहीं है. यही नहीं जिसके नाम से गैर जमानती वारंट जारी किया गया है वह मेरा भाई मोहम्मद सोहेल खां था.
चौकी प्रभारी को नोटिस जारीशोहेब ने बताया कि उसकी 30 मार्च 2017 को मौत हो चुकी है. मृतक भाई का यूपी सरकार और अस्पताल से मृत प्रमाण पत्र भी मेरे पास है. इसके बाद जाकर प्रथम अपर मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट मिर्जापुर पल्लवी सिंह ने उसको 28 जुलाई 2025 को रिहा किए जाने का आदेश दिया. साथ ही शोहेब को गिरफ्तार करने वाले नारायणपुर चौकी प्रभारी अजय कुमार मिश्रा को इस मामले में नोटिस जारी कर तलब किया है.
दो लोगों को किया था गिरफ्तारदरअसल, नारायनपुर चौकी प्रभारी अजय कुमार मिश्रा ने 26 जुलाई को नफर वारंटी रसूलागंज के रहने वाले मोहम्मद सोहेल खां और मिल्कीपुर के रहने वाले शहजादे को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया था. बाद में पता चला कि ये मोहम्मद सोहेल खां नहीं है. यह शोहेब अहमद है. मोहम्मद सोहेल खां की मौत हो चुकी है.
वहीं मिर्जापुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा ने मामले का संज्ञान में लेते हुए पूरे प्रकरण की जांच क्षेत्राधिकार चुनार मंजरी राव को दी है. वो जांच कर रही हैं. जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही जा रही है.
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