श्रावण मास का समापन इस बार दो अत्यंत शुभ तिथियों के साथ हो रहा है 8 और 9 अगस्त. इन दो दिनों में वरलक्ष्मी व्रत, रक्षाबंधन और श्रावण पूर्णिमा जैसे तीन बड़े पर्व एक के बाद एक पड़ रहे हैं. इनसे जुड़े ज्योतिषीय योग ऐसे हैं कि महालक्ष्मी की विशेष कृपा की संभावना मानी जा रही है. धन और समृद्धि के कारक ये पर्व साल में एक बार आते हैं, और इस बार इनका संयोजन और भी अधिक फलदायी हो गया है.
शास्त्रों के अनुसार, जब ये पर्व विशेष योगों के साथ आते हैं, तो इसमें न केवल धार्मिक पुण्य मिलता है, बल्कि जीवन में धन-संपत्ति और सौभाग्य का भी आगमन होता है. इस बार इन पर्वों के साथ सिद्धि योग, इंद्र योग और शुक्रवारशनिवार की ग्रह स्थितियां भी ऐसी बन रही हैं, जो घर में सुख-समृद्धि लाने वाली मानी जाती हैं. यही वजह है कि यह सप्ताह विशेष रूप से मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए श्रेष्ठ कहा जा रहा है. आइए जानते हैं किन तारीखों पर कौन से त्योहार हैं, क्या हैं उनके विशेष योग, और किन उपायों से आप इन दिनों को और भी फलदायी बना सकते हैं.
8 अगस्त को वरलक्ष्मी व्रत: धन, वैभव और अखंड सौभाग्य का पर्ववरलक्ष्मी व्रत, जो कि मुख्य रूप से दक्षिण भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, इस बार 8 अगस्त 2025, शुक्रवार को है. यह व्रत श्रावण शुक्ल पक्ष की शुक्रवार को रखा जाता है और यह माता लक्ष्मी के व्रतों में सर्वोच्च माना गया है. पौराणिक मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा से मां लक्ष्मी की पूजा करने पर धन, सुख और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. खासकर विवाहित स्त्रियों के लिए यह दिन अत्यंत फलदायी होता है. इस दिन महिलाएं कलश स्थापना कर, मां को सुहाग सामग्रियां अर्पित करती हैं और 108 बार “श्रीं” बीज मंत्र का जाप करती हैं.
9 अगस्त को रक्षाबंधन और श्रावण पूर्णिमा: बहनों की दुआ और विष्णु का आशीर्वाद9 अगस्त 2025, शनिवार को दो बड़े पर्व एक साथ मनाए जाएंगे. रक्षाबंधन और श्रावण पूर्णिमा, चूंकि भद्रा काल इससे पहले समाप्त हो जाएगा, इसलिए दोपहर से लेकर सूर्यास्त तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त रहेगा. इसी दिन श्रावण पूर्णिमा पर महालक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व भी है. यह दिन दान, स्नान और ब्राह्मण भोजन के लिए उत्तम माना गया है. कहा जाता है कि श्रावण पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजन करने से घर में सालभर आर्थिक समृद्धि बनी रहती है.
कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं?इन दो दिनों में तीन बड़े पर्व के साथ-साथ कई ज्योतिषीय संयोग भी बन रहे हैं. 8 अगस्त (वरलक्ष्मी व्रत) को शुक्रवा के दिन लक्ष्मी व्रत होना अत्यंत शुभ माना गया है. 9 अगस्त को शनि का दिन है और इस दिन श्रावण पूर्णिमा, रक्षाबंधन का संयोग धन लाभ और परिवार में कल्याण के योग बना रहा है. साथ ही इस दिन सिद्धि योग और इंद्र योग भी बन रहे हैं, जो धार्मिक अनुष्ठानों को अत्यंत फलदायी बनाते हैं.
इन दो दिनों में क्या करें?वरलक्ष्मी व्रत पर माता लक्ष्मी को चढ़ाएं कमल का फूल और केसर युक्त खीर.
रक्षाबंधन पर बहनें रक्षा सूत्र बांधते समय ॐ येन बद्धो बलि राजा… मंत्र का जाप करें.
श्रावण पूर्णिमा पर घर के ईशान कोण में दीप जलाकर विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करें.
दोनों दिनों में जरूरतमंदों को अन्न या वस्त्र का दान अवश्य करें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.