बाइक सवार अपराधियों ने सिर में गोली मारी. स्थानीय लोगों ने तत्काल गोपाल खेमका को अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस घटना के बाद शहर के व्यापारियों में आक्रोश है.
गोपाल खेमका की गिनती राज्य के बड़े व्यापारियों में होती थी. गोपाल अपने कुशल व्यवहार और मिलनसार स्वभाव के लिए जाने जाते थे. वैचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहने वाले गोपाल खेमका के दूसरे राजनीतिक दलों के नेताओं से भी अच्छे संबंध थे.
दवा की दुकान से करोड़ों का सफर
मूलरूप से पटना के ही निवासी गोपाल खेमका ने अपने बिजनेस की पारी की शुरुआत राजधानी के अशोक राजपथ पर एक दवा की दुकान से की थी. पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सामने गोपाल खेमका ने इस दुकान को शुरू किया था. इसके बाद अपनी मेहनत के दम पर वह आगे बढ़ते चले गए. बताया जा रहा है कि गोपाल के बिजनेस का साम्राज्य 100 करोड़ से भी ऊपर का है.
बांकीपुर क्लब के भी अध्यक्ष थे
गोपाल खेमका राजधानी के ही राजेंद्र नगर इलाके में स्थित प्रसिद्ध मगध हॉस्पिटल के ऑनर भी थे. इसके अलावा कई पेट्रोल पंप और कॉटन फैक्ट्री के भी ये मालिक थे. राजधानी से सटे हाजीपुर में गोपाल खेमका की दो फैक्ट्रियां भी हैं. इनसे जुड़े लोगों का कहना है कि गोपाल खेमका के पास एमबीबीएस की भी डिग्री थी. इसके अलावा राजधानी के प्रसिद्ध बांकीपुर क्लब के भी अध्यक्ष गोपाल ही थे.
पान खाने के शाकीन थे
गोपाल खेमका को पान खाने का शौक था. बताया जा रहा है कि वारदात से थोड़ी देर पहले वह बांकीपुर क्लब से ही अपने आवास पर आए थे. गोपाल कभी किसी से तेज आवाज में बात नहीं करते थे. उनकी बिजनेस में सफलता का सबसे अहम रोल उनका स्वभाव ही था. वह बिजनेस की रणनीति बनाने में भी माहिर थे.
गोपाल अपने स्वभाव और मेहनत तथा बिजनेस की रणनीति के दम पर गोपाल खेमका ने सफलता की सीढ़ी को चढ़ना शुरू किया और फिर पीछे मुड़कर के नहीं देखा. न केवल बिजनेस बल्कि वह कई सामाजिक संगठनों से भी जुड़े हुए थे. गोपाल खेमका चार भाई थे. इनके दो बेटे भी थे. एक बेटे की हाजीपुर में हत्या कर दी गई थी, जबकि दूसरा बेटा आईजीआईएमएस में डॉक्टर है.