चांगेरी के पत्तों के स्वास्थ्य लाभ और उपयोग
Gyanhigyan August 06, 2025 11:42 AM
चांगेरी की पहचान और उपयोग

चांगेरी, जिसे खट्टी घास के नाम से भी जाना जाता है, एक छोटा पौधा है जो भारत में सामान्यतः पाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम 'ऑक्सालिस कॉर्निकुलाटा' है। यह एक बारहमासी पौधा है, जिसकी पत्तियां खट्टी होती हैं। इसे बगीचों, मैदानों और सड़कों के किनारे देखा जा सकता है। आयुर्वेद में, चांगेरी का उपयोग पाचन संबंधी समस्याओं, दस्त और बवासीर के उपचार में किया जाता है। इसके पत्तों का उपयोग चटनी, सूप और अन्य व्यंजनों में भी किया जाता है।


चांगेरी का ऐतिहासिक संदर्भ

चरक और सुश्रुत संहिता में चांगेरी का उल्लेख मिलता है। चरक संहिता में इसे शाक वर्ग और अम्लस्कन्ध के रूप में वर्णित किया गया है, जबकि सुश्रुत संहिता में इसे शाक वर्ग में शामिल किया गया है। इसका मुख्य उपयोग दस्त और पाचन संबंधी समस्याओं के उपचार में होता है। चांगेरी के पत्तों का काढ़ा, भुनी हुई हींग के साथ मिलाकर पीने से पेट दर्द और पाचन संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है। यह महिलाओं के पाचन तंत्र को मजबूत करने में भी सहायक है।


चांगेरी के पत्तों के स्वास्थ्य लाभ चांगेरी के पत्ते खाने के फायदे:

यह महिलाओं में ल्यूकोरिया (व्हाइट डिस्चार्ज) की समस्या के उपचार में भी उपयोगी है। इसके पत्तों का रस मिश्री के साथ लेने से ल्यूकोरिया के कारण होने वाले दर्द और हड्डियों की कमजोरी में राहत मिलती है।


चांगेरी त्वचा के लिए भी फायदेमंद हो सकती है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीफंगल गुण मुंहासे, काले धब्बे और त्वचा की जलन को कम करने में मदद कर सकते हैं। चांगेरी के फूलों को पीसकर चावल के आटे के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा का रंग निखरता है और दाग-धब्बों से छुटकारा मिलता है। यह विटामिन-सी का एक अच्छा स्रोत है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और स्कर्वी जैसी बीमारियों को रोकता है।


चांगेरी के पत्तों का लेप जोड़ों के दर्द, गठिया और सूजन को कम करने में भी लाभकारी है। इसके सूजन-रोधी गुण सूजन को कम करने और दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं। हालांकि, इसके उपयोग से पहले चिकित्सकों से सलाह लेना आवश्यक है।


© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.