साल 2025 की पहली छमाही बॉलीवुड और साउथ इंडस्ट्री के बीच दिलचस्प टक्कर की गवाह बन रही है। जहां एक तरफ बड़े पैमाने पर प्रचारित और बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘सैयारा’ लगातार सुर्खियों में बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर चुपचाप एक तमिल फिल्म ‘थलाइवन-थलाइवी’ ने थिएटर्स में कदम रखा और ‘कांतारा’ जैसी ग्रोथ दिखाते हुए बॉक्स ऑफिस पर बम-बम कमाई शुरू कर दी है।
25 जुलाई 2025 को रिलीज हुई ‘थलाइवन-थलाइवी’ एक फैमिली रोमांटिक ड्रामा है, जिसमें लीड रोल में नजर आए हैं साउथ के मंझे हुए अभिनेता विजय सेतुपति और नित्या मेनन। खास बात यह है कि फिल्म अभी केवल तमिल भाषा में ही रिलीज हुई है, इसके बावजूद दर्शकों का रिस्पॉन्स जबरदस्त रहा है।
धीमी शुरुआत, लेकिन ग्रोथ दमदार
शुरुआत में ‘थलाइवन-थलाइवी’ ने ‘कांतारा’ की ही तरह थोड़ा धीमा प्रदर्शन किया, लेकिन वर्ड ऑफ माउथ के साथ फिल्म की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। इसका नतीजा ये हुआ कि फिल्म ने 12 दिनों के अंदर ही भारत में ₹47.46 करोड़ का नेट कलेक्शन कर लिया।
ओवरसीज में भी कमाल
फिल्म ने केवल देश में ही नहीं, बल्कि ओवरसीज मार्केट में भी बढ़िया प्रदर्शन किया है। तमिल भाषा में सीमित रिलीज के बावजूद, विदेशों में इसका कलेक्शन ₹16.8 करोड़ तक पहुंच गया है। यानी फिल्म का वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस कलेक्शन इस वक्त करीब ₹75 करोड़ के आसपास है।
ऐसे वक्त में जब ‘सैयारा’ जैसी हाई बजट हिंदी फिल्में पूरे देशभर में धूम मचाने की तैयारी में हैं, ‘थलाइवन-थलाइवी’ ने तमिल में ही रिलीज होकर जो मुकाम हासिल किया है, वो निश्चित तौर पर बॉलीवुड के लिए एक बड़ा संकेत है। यह फिल्म यह साबित कर रही है कि कंटेंट और परफॉर्मेंस ही असली स्टार हैं – न कि केवल प्रमोशनल स्ट्रैटेजी और बजट।
अब सवाल यह उठता है कि क्या फिल्म को हिंदी और अन्य भाषाओं में डब कर रिलीज किया जाएगा? ट्रेड एनालिस्ट्स का मानना है कि यदि फिल्म की ग्रोथ इसी तरह जारी रही, तो अगले कुछ हफ्तों में यह आसानी से 100 करोड़ के क्लब में एंट्री कर सकती है। और उसी के साथ ही इसकी डब्ड रिलीज की भी संभावना बढ़ जाएगी।
फिल्म में विजय सेतुपति और नित्या मेनन की जोड़ी ने दर्शकों का दिल जीत लिया है। सादगी भरी कहानी, मजबूत स्क्रीनप्ले और इमोशनल कनेक्शन ने इस फिल्म को परिवार के हर सदस्य के लिए उपयुक्त बना दिया है।
बिना किसी बड़े बजट के प्रचार, केवल कंटेंट के बल पर ‘थलाइवन-थलाइवी’ ने जो मुकाम हासिल किया है, वह साउथ इंडस्ट्री की क्रिएटिव पावर को एक बार फिर उजागर करता है। यह फिल्म अब उन चुनिंदा प्रोजेक्ट्स में शामिल हो गई है, जिन्होंने बिना शोरगुल के सफलता की सीढ़ियां चढ़ी हैं।