राजस्थान में प्रतापगढ़ दुग्ध उत्पादक संघ के चित्तौड़गढ़ का डेयरी प्लांट में इन दिनों गड़बड़ियां चल रही हैं. सहकारिता के इस उपक्रम में भ्रष्टाचार का बोलबाला हो रहा है. हालत यह है कि अधिकारियों की मिली भगत से ऐसे टेंडर किए जा रहे हैं, जो डेयरी के लिए नुकसानदायक हैं, लेकिन ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए इस तरह के काम किए जा रहे हैं.
मोबाइल पार्लर के नाम से दिए गए ठेके में डेयरी का कुल फायदा महज 2571 रुपए हुआ है. वहीं ठेकेदार को किराए के लिए 33,750 रुपए खर्च किए गए हैं. कमीशन से 4,373 रुपये का फायदा ठेकेदार को हुआ है. इससे साफ है कि किसानों के फायदे के लिए चलाए जाने वाले संघ में उन किसानों को दरकिनार करते हुए सिर्फ ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने का काम किया जा रहा है.
एक वर्क आर्डर जारी किया गयाचित्तौड़गढ़ डेयरी द्वारा बिक्री बढ़ाने के लिए कुनाल दोलतानी के नाम पर एक वर्क आर्डर जारी किया गया, जिसमें एक मोबाइल पार्लर चालू किया जाना था. इसके लिए 6 महीने की अवधि निर्धारित की गई, जिसमें जून से सितंबर के लिए 40000 और सितंबर से नवंबर के लिए 35000 का लक्ष्य रखा गया, लेकिन इस वर्क आर्डर में कहीं इस बात का उल्लेख नहीं किया गया कि यह एक महीने का है, तीन महीने का है या फिर 6 महीने का है.
पहले महीने में ही इस योजना के जरिए डेयरी संघ के स्थान पर खुलकर सामने आ गई. खुदरा विक्रय के लिए होलसेल दर पर सामान उपलब्ध करवाया गया. कुल 85,721 रुपए का खरीदा गया, जिसमें 4,373 रुपए का फायदा ठेकेदार को कमीशन के जरिए हुआ. वहीं 27 दिन के लिए चलाए गए इस मोबाइल पार्लर का 1250 रुपए हर दिन के हिसाब से डेयरी द्वारा दिया जाने वाले 33,750 रुपये बने. यानी की ठेकेदार की कुल कमाई 38,123 हुई. डेयरी को महज इतनी बिक्री पर 3 प्रतिशत के हिसाब से 2571 रुपये का फायदा हुआ. इससे साफ है कि डेरी का नुकसान भले ही हो जाए, लेकिन ठेकेदारों को फायदा होना चाहिए. इसके लिए काम किया जा रहा है.
डेयरी को हजारों रुपए का नुकसानजिस वितरण प्रभारी के हस्ताक्षर से यह आर्डर जारी हुआ है. उनका नाम अरविंद गर्ग है, जिनकी आयु राज्य सरकार की ओर से निर्धारित 65 साल से ज्यादा कई गई है. नाम के मुताबिक 65 साल से ज्यादा आयु का व्यक्ति जो सरकारी सेवा से रिटायर्ड हुआ हो काम नहीं कर सकता है, लेकिन इसके बावजूद बिना स्क्रीनिंग कमेटी को बताएं काम किया जा रहा है, जिसका नतीजा यह है कि डेयरी को हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है और यह टेंडर तो सिर्फ एक उदाहरण है. ऐसे कई टेंडर अंदर खाने किया जा चुके हैं.
इधर डेरी में गड़बडी कर नुकसान पहुंचाने के मामलों में डेयरी की एमडी प्रमोद चारण द्वारा जांच कर कार्रवाई करने की बात कही जा रही है, लेकिन अब तक जांच करने वाले अधिकारियों का कोई नाम सामने आया है और न ही कोई जांच रिपोर्ट, जिससे पता लगे कि क्या कार्रवाई की जा रही है. इससे साफ है कि किसानों के फायदे की संस्था को ठेकेदारों के फायदे के लिए चूना लगाया जा रहा है.
यह मामला गंभीर इसलिए भी है. क्योंकि राजस्थान सरकार के सहकारिता राज्य मंत्री चित्तौड़गढ़ जिले की बड़ी सादड़ी विधानसभा से विधायक हैं. लगातार विधानसभा चुनाव में सहकारिता मंत्री गौतम दक प्रतिद्वंद्वी रहे चित्तौड़गढ़ डेयरी अध्यक्ष बद्रीलाल जाट सार्वजनिक मंदसौर से उन्हें हटाने की कोशिश करने का आरोप लगा चुके हैं. वर्तमान में भी उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त कर अध्यक्ष जाट काम कर रहे हैं. इससे साफ है कि मंत्री अध्यक्ष की खींचतान के चलते डेयरी को नुकसान हो रहा है.