महाभारत में दुर्योधन की गलतियों का रहस्य
Gyanhigyan August 09, 2025 10:42 AM
महाभारत के युद्ध में दुर्योधन की भूमिका

महाभारत के तथ्य: महाभारत के युद्ध में कई महान योद्धाओं ने भाग लिया। जो भी दुर्योधन की ओर से लड़ा, वह मारा गया। अंत में, दुर्योधन अकेला बचा था और उसका मुकाबला भीम से हुआ। भीम ने अपनी गदा से दुर्योधन की जंघा तोड़ दी थी।


जब दुर्योधन की मृत्यु का समय निकट था, उसने भगवान श्रीकृष्ण को तीन उंगलियां दिखाई। आइए जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने ऐसा क्यों किया।


दुर्योधन ने अपनी गलतियों का किया उल्लेख

कौरवों के वंश के विनाश का मुख्य कारण दुर्योधन था। उसने अंत तक शांति के बजाय युद्ध को चुना। अधर्म के मार्ग पर चलने के कारण उसकी मृत्यु हुई। जब भीम ने दुर्योधन की जंघा तोड़ी, तब वह मरने की कगार पर था। इस समय उसने भगवान श्रीकृष्ण को तीन उंगलियां दिखाकर अपनी तीन गलतियों के बारे में बताया।


पहली उंगली का अर्थ

दुर्योधन ने अपनी पहली उंगली से भगवान श्रीकृष्ण को बताया कि उसकी सबसे बड़ी गलती यह थी कि उसने भगवान को छोड़कर उनकी नारायण सेना मांगी। उसने कहा कि यदि मैंने आपको मांगा होता, तो मैं यहां नहीं होता।


दूसरी उंगली से बताई गई बात

दुर्योधन ने अपनी दूसरी गलती बताई कि युद्ध के अंत में उसने भगवान श्रीकृष्ण की बात मानी, जबकि वे शत्रु के सहयोगी थे। इसका कारण यह था कि दुर्योधन के पिता जन्म से अंधे थे। जब उनकी शादी गांधारी से हुई, तो उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली। युद्ध के अंतिम दिन, गांधारी ने दुर्योधन से कहा कि वह नदी में स्नान करके नग्न अवस्था में उसके पास आए। इसी बीच भगवान श्रीकृष्ण ने दुर्योधन से कहा कि माता के सामने नग्न अवस्था में जाना उचित नहीं है।


यह सुनकर दुर्योधन ने जंघा के पास पेड़ के पत्ते लपेट लिए। जब गांधारी ने आंखों से पट्टी हटाई, तो उसने देखा कि दुर्योधन का पूरा शरीर वज्र समान हो गया, केवल जांघ वाला हिस्सा कमजोर रह गया। इसी का फायदा भीम ने उठाया और उसकी जंघा पर प्रहार कर उसे समाप्त कर दिया।


तीसरी गलती का उल्लेख

दुर्योधन ने कहा कि उसकी तीसरी सबसे बड़ी गलती यह थी कि वह युद्ध में सबसे अंत में आया। यदि वह पहले आता, तो स्थिति कुछ और होती।


भगवान श्रीकृष्ण ने उंगलियां मोड़ी

दुर्योधन की इन बातों को सुनकर भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि तुम अपनी गलतियों के कारण नहीं, बल्कि अधर्म के मार्ग पर चलने के कारण हारे हो। अब इन बातों का कोई महत्व नहीं है। यह कहकर भगवान श्रीकृष्ण ने दुर्योधन की उंगलियां मोड़ दीं।


© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.