Dharali Tragedy Uttarkashi: उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित धराली और हर्षिल गांव में कुदरत ने जो कहर बरपाया उसके बाद दोनों स्थानों पर राहत और बचाव का काम सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ समेत जिला प्रशासन की टीमें युद्धस्तर पर कर रही हैं. आपदा से प्रभावित धराली और हर्षिल में जिंदगियों की तलाश की जा रही है. बचाव टीमें दो दिनों में 650 और लोगों को सुरक्षित निकाल चुकी हैं.
आंशका जताई जा रही है कि अभी लगभग 300 लोग और फंसे हो सकते हैं. उनको भी सुरक्षित निकालने के काम में बचाव टीमें जुटी हैं. तलाश करने और बचाव के काम के लिए डॉग स्क्वॉड, ड्रोन और जमीन के अंदर देखने वाले रडार का उपयोग किया जा रहा है. हर्षिल घाटी में मोबाइल संचार व्यवस्था बहाल हो गई है. प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पिछले तीन दिनों से उत्तरकाशी में ही हैं.
सीएम धामी ने क्या बताया ?सीएम धामी धराली में जो राहत और बचाव का काम किया जा रहा है, उसकी निगरानी कर रहे हैं. सीएम धामी ने बताया कि गुरुवार को 450 और शुक्रवार 250 लोगों को निकाला गया. उन्होंने बाकी फंसे लोगों को भी जल्दी सुरक्षित बाहर निकालने की बात कही. एसडीआरएफ ने कहा कि अभी नौ सैनिक और सात अन्य लोग लापता हैं. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि लापता लोगों की संख्या ज्यादा हो सकती है.
इस कारण राहत और बचाव काम में आ रहीं समस्याएं
धराली में कई होटल बन रहे थे. होटलों के निर्माण कार्य में बिहार और नेपाल के मजदूर लगे हुए थे. दो दर्जन से अधिक लोग होटलों में थे. उनमें से कई लोगों का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है. कोई सुराग प्राप्त नहीं हुआ है. धराली, हर्षिल और उत्तरकाशी के बीच जगह-जगह सड़कें टूटी हुई हैं. इससे राहत और बचाव के काम करने में समस्याएं आ रही हैं.
हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि अब जब मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है, तो बचाव काम में तेजी आएगी. प्रभावित इलाकों में बिजली की आपूर्ति बहाल करने के लिए जनरेटर्स का इंतजाम किया जा रहा है.
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