कांग्रेस नेता ने RSS को भारतीय तालिबान कहा: स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद राजनीतिक विवाद बढ़ गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद बीके हरिप्रसाद ने प्रधानमंत्री के संबोधन पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को भारतीय तालिबान करार देते हुए कहा कि मोदी ने ऐसे संगठन की प्रशंसा की है, जो देश में अशांति फैलाने का प्रयास करता है।
हरिप्रसाद का यह बयान उस समय आया है जब प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में आरएसएस को दुनिया का सबसे बड़ा NGO बताते हुए इसके राष्ट्र निर्माण में योगदान की सराहना की थी। कांग्रेस नेता का कहना है कि RSS न तो एक पंजीकृत संगठन है और न ही इसकी वित्तीय पारदर्शिता स्पष्ट है।
बीके हरिप्रसाद ने कहा, "आरएसएस देश में शांति भंग करने की कोशिश कर रहा है। मैं केवल इतना कहूंगा कि RSS भारतीय तालिबान है और प्रधानमंत्री लाल किले से उनकी प्रशंसा कर रहे हैं।" उन्होंने आरएसएस की फंडिंग पर भी गंभीर सवाल उठाए। उनका कहना था, "क्या आजादी की लड़ाई में कोई संघी शामिल हुआ था? यह शर्म की बात है कि RSS एक रजिस्टर्ड संगठन नहीं है। हमें नहीं पता कि उन्हें फंड कहां से मिलते हैं।"
कांग्रेस नेता ने बीजेपी और आरएसएस पर इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री एके फजलुल हक ने विभाजन का पहला प्रस्ताव रखा था और जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी उसके पक्षधर थे। हरिप्रसाद ने कहा, "BJP और RSS इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के उस्ताद हैं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को अपने संबोधन में कहा था कि आरएसएस ने पिछले 100 वर्षों से राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने स्वयंसेवकों के त्याग और मां भारती के प्रति उनके समर्पण की सराहना की थी। पीएम मोदी ने आरएसएस को दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बताया था।