हरियाणा को रेलवे की डबल सौगात: यमुनानगर-चंडीगढ़ और जींद-हांसी-हिसार नई लाइनों से बदलेगी प्रदेश की तस्वीर

हरियाणा में विकास की रफ्तार को एक नई और अभूतपूर्व गति मिलने वाली है। भारतीय रेलवे ने राज्य में दो अति-महत्वपूर्ण नई रेलवे लाइनों के निर्माण की घोषणा की है,जो न केवल हरियाणा को उसकी राजधानी चंडीगढ़ और पड़ोसी राज्य राजस्थान से बेहतर तरीके से जोड़ेंगी,बल्कि प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिए एक नई'भाग्य रेखा'भी साबित होंगी।ये दो प्रमुख परियोजनाएं हैं -यमुनानगर से चंडीगढ़औरजींद से हांसी होते हुए हिसारतक नई रेलवे लाइन। इन परियोजनाओं की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण बात यह केंद्र सरकार ने इन्हें'विशेष रेलवे परियोजना' (Special Railway Project)का दर्जा दियाहैं।इस दर्जे के मिलने के बाद अब इन लाइनों के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition)का काम और भी तेजी से हो सकेगा। चलिए,इस पूरी महापरियोजना को विस्तार से समझतेहैं।क्या है यह'विशेष रेलवे परियोजना'का दर्जा?यह इन परियोजनाओं का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। जब किसी रेलवे प्रोजेक्ट को'विशेष रेलवे परियोजना'का दर्जा दिया जाता है,तो रेलवे कोरेलवे (संशोधन) अधिनियम, 2008के तहत भूमि अधिग्रहण के लिए विशेष शक्तियां मिल जाती हैं।किसानों के लिए इसका क्या मतलब है?:इस अधिनियम के तहत,रेलवे को परियोजना के लिए आवश्यक भूमि का अधिग्रहण करने के लिएभूमि मालिकों की सहमति लेने की आवश्यकता नहीं होतीहैं।सरकार सीधे जमीन का अधिग्रहण कर सकतीहैं और उसके बदले में मालिकों को एक निर्धारित मुआवजा देती है।इस कदम का मुख्य उद्देश्य परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण के कारण होने वाली लंबी देरी को खत्म करनाहैंताकि निर्माण कार्य समय पर और तेज गति से पूरा हो सके। हालांकि,यह कदम किसानों के बीच चर्चा का विषय भी बन सकता है।प्रोजेक्ट1:यमुनानगर से चंडीगढ़ - राजधानी का सफर होगा आसानयह रेलवे लाइन पूर्वी हरियाणा के औद्योगिक क्षेत्र को सीधे प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ से जोड़ेगी।रूट:यह नई रेलवे लाइन यमुनानगर से शुरू होकर नारायणगढ़ और सधौरा जैसे महत्वपूर्ण कस्बों से होते हुए चंडीगढ़ तक जाएगी।सबसे बड़ा फायदा:समय की बचत:अभी यमुनानगर,जगाधरी और आसपास के लोगों को चंडीगढ़ जाने के लिए या तो सड़क मार्ग का लंबा सफर तय करना पड़ताहैंया फिर अंबाला से ट्रेन बदलनी पड़तीहैं।इस लाइन के बनने से यह सफर बहुत छोटा,सस्ता और आसान हो जाएगा।औद्योगिक विकास:यमुनानगर और आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों (जैसे पेपर मिल,प्लाईवुड उद्योग) को अपने माल को लाने-ले जाने के लिए एक तेज और सस्ता विकल्प मिलेगा।पर्यटन को बढ़ावा:यह लाइन प्रसिद्ध सिख तीर्थ स्थल'कपाल मोचन'और'लोहगढ़'को भी बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी,जिससे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।प्रोजेक्ट2:जींद-हांसी-हिसार - हरियाणा को राजस्थान से जोड़ने वाली कड़ीयह रेलवे लाइन मध्य हरियाणा को पश्चिमी हरियाणा और राजस्थान से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण काम करेगी।रूट:यह लाइन जींद से शुरू होकर नारनौंद और हांसी जैसे इलाकों से गुजरते हुए हिसार तक जाएगी,जो पहले से ही एक बड़ा रेलवे जंक्शनहैं।सबसे बड़ा फायदा:बेहतर कनेक्टिविटी:यह जींद और उसके आसपास के ग्रामीण इलाकों को हिसार जैसे बड़े शिक्षा और चिकित्सा केंद्र से सीधे तौर पर जोड़ देगी।राजस्थान का नया रूट:हिसार से यह लाइन आगे राजस्थान की ओर जाने वाली ट्रेनों के लिए एक नया और वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगी,जिससे मुख्य दिल्ली-रोहतक लाइन पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा।लॉजिस्टिक्स में सुधार:हिसार और हांसी के आसपास के औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों को अपने माल को देश के अन्य हिस्सों में भेजने के लिए एक और तेज साधन मिलेगा।आम आदमी और प्रदेश के विकास पर असरइन दोनों रेलवे लाइनों का निर्माण सिर्फ कुछ ट्रैक बिछाना नहींਹੈ,यह पूरे क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखताਹੈ।रोजगार के अवसर:निर्माण कार्य के दौरान और बाद में रेलवे के संचालन से हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे।रियल एस्टेट में तेजी:जिन कस्बों और गांवों से यह लाइन गुजरेगी,वहां रियल एस्टेट और व्यावसायिक गतिविधियों में तेजी आएगी।सड़क नेटवर्क पर दबाव कम:ट्रेनों के चलने से सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा,जिससे यात्रा और सुरक्षित होगी और प्रदूषण में भी कमी आएगी।संक्षेप में कहें तो,यह परियोजनाएं आने वाले दशक में हरियाणा को विकास के एक नए युग में ले जाने का वादा करती हैं,जिससे राज्य के लाखों नागरिकों का जीवन बेहतर होगा।