ग्रामसभा की जमीन पर अतिक्रमण के आरोप, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जिलाधिकारी और तहसीलदार को तलब किया
Samachar Nama Hindi August 19, 2025 02:42 PM

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जिले के खोराबार ब्लॉक स्थित ग्राम जंगल रामगढ़ उर्फ चंवरी में ग्रामसभा की जमीन पर अतिक्रमण के आरोपों को गंभीरता से लिया है। न्यायालय ने इस मामले में जिलाधिकारी और सदर तहसीलदार को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

न्यायालय का निर्देश

न्यायालय ने आदेश दिया है कि जिलाधिकारी और तहसीलदार यह स्पष्ट करें कि विवादित भूखंड राजस्व अभिलेखों में ग्रामसभा खाते में दर्ज है या नहीं। साथ ही, यदि यह जमीन ग्रामसभा के खाते में दर्ज है, तो उस पर अतिक्रमण हुआ है या नहीं। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित अधिकारियों को जवाबदेही तय करनी होगी।

मामले की पृष्ठभूमि

सूत्रों के अनुसार, ग्राम जंगल रामगढ़ में कुछ व्यक्तियों द्वारा ग्रामसभा की जमीन पर अतिक्रमण करने की शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों के आधार पर स्थानीय प्रशासन ने जांच शुरू की थी। हालांकि, जमीन के स्वामित्व और अभिलेखों की पुष्टि के लिए कोर्ट की निगरानी आवश्यक मानी गई।

अधिकारियों की जवाबदेही

हाई कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि जिलाधिकारी और तहसीलदार व्यक्तिगत रूप से हलफनामा दाखिल करें। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जमीन के स्वामित्व और अतिक्रमण के मामले में कोई भी अनियमितता या लापरवाही न हो। अदालत ने स्पष्ट किया कि भूमि विवाद में सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी अहम होती है।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

ग्रामवासियों का कहना है कि यह भूमि ग्रामसभा के खाते में दर्ज है और वर्षों से समुदाय के उपयोग में रही है। वे अधिकारियों से अपेक्षा रखते हैं कि अदालत के निर्देश के बाद जमीन पर किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा। कई लोग मानते हैं कि न्यायालय की सक्रिय भूमिका से भूमि विवादों का शीघ्र समाधान संभव होगा।

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