कांग्रेस संगठन में बदलाव की सुगबुगाहट! राजस्थान में जिलाध्यक्षों की लिस्ट पर चल रही चर्चा, हाईकमान के इशारे का इंतजार
aapkarajasthan August 20, 2025 06:42 AM

राजस्थान में प्रस्तावित निकाय और पंचायत चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी अपने संगठनात्मक ढांचे को मज़बूत करने की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रही है। पिछले दो महीनों से पार्टी के शीर्ष स्तर पर प्रदेश कार्यकारिणी में बड़े बदलावों को लेकर गहन मंथन चल रहा था। अब इस दिशा में ठोस कदम उठाने की तैयारी है।

प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने 'राजस्थान पत्रिका' से बातचीत में कार्यकारिणी में बड़े फेरबदल के संकेत दिए हैं। इसके साथ ही, नए बने आठ जिलों में जल्द ही जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी, जबकि कुछ पुराने जिलों में भी जिला अध्यक्ष बदले जा सकते हैं। हालाँकि, रंधावा ने स्पष्ट किया कि फिलहाल संगठन के ढांचे में कोई बदलाव नहीं होगा, क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस संगठन बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।

जिला अध्यक्षों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू

हाल ही में, राजस्थान में प्रशासनिक स्तर पर कई नए ज़िले बनाए गए हैं, जिनमें जयपुर ग्रामीण से अलग जयपुर ग्रामीण पश्चिम (कोटपूतली-बहारोड सहित), भरतपुर से अलग डीग, बाड़मेर से अलग बालोतरा, सीकर से अलग नीमकाथाना, अजमेर से अलग ब्यावर, उदयपुर से अलग सलूम्बर, भीलवाड़ा से अलग भीलवाड़ा ग्रामीण और जोधपुर ग्रामीण से अलग जोधपुर ग्रामीण पश्चिम शामिल हैं।

कांग्रेस इन नए ज़िलों में संगठनात्मक ढाँचे को मज़बूत करने के लिए जल्द ही ज़िला अध्यक्षों की नियुक्ति करेगी। रंधावा ने कहा कि संसद सत्र समाप्त होने के बाद, वह राजस्थान का दौरा करेंगे और नए ज़िलों में ज़िला अध्यक्षों की नियुक्ति पर चर्चा करेंगे। संभावना है कि सितंबर 2025 के मध्य तक नए ज़िला अध्यक्षों की घोषणा कर दी जाएगी।

फ़िलहाल संगठन में कोई बदलाव नहीं

इसके अलावा, कुछ पुराने ज़िलों में ज़िला अध्यक्षों के कामकाज की भी समीक्षा की जाएगी। रंधावा ने कहा कि सभी बड़े नेताओं के साथ बैठकर पुराने ज़िला अध्यक्षों के कामकाज पर चर्चा की जाएगी। जिन ज़िला अध्यक्षों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं होगा, उन्हें बदला जा सकता है। हालांकि, संगठन के 'मूल ढांचे' में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। रंधावा ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस संगठन पहले से ही मजबूत स्थिति में है और सक्रियता से काम किया जा रहा है।

कार्यकारिणी का हो सकता है विस्तार
बता दें, प्रदेश कार्यकारिणी का विस्तार किया जा सकता है। रंधावा ने कहा कि विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले और जमीनी स्तर पर अपनी ज़िम्मेदारियों को बखूबी निभाने वाले कार्यकर्ताओं को कार्यकारिणी में शामिल किया जाएगा। वहीं, संगठनात्मक कार्यों में सक्रिय नहीं रहने वालों को हटाया जा सकता है। रंधावा ने स्पष्ट किया कि पहले भी ऐसे नेताओं को चेतावनी दी गई थी कि अगर वे काम नहीं करेंगे तो उन्हें कार्यकारिणी से हटा दिया जाएगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार, कार्यकारिणी में शामिल किए जाने वाले और हटाए जाने वाले नेताओं की सूची तैयार कर ली गई है। यह सूची जल्द ही पार्टी आलाकमान को सौंपी जाएगी। इसके साथ ही, कुछ विधायकों और सांसदों को भी कार्यकारिणी में शामिल करने की योजना है। रंधावा ने हाल ही में दिल्ली में हुई एक बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की, जिसमें कई सांसदों ने सहमति जताई।

प्रदर्शन के आधार पर होगा चयन
पार्टी ने कार्यकारिणी पदाधिकारियों की सक्रियता का आकलन करने के लिए उनकी प्रदर्शन रिपोर्ट तैयार की है। इसके लिए संविधान बचाओ रैलियों में नेताओं की भागीदारी और उनकी सक्रियता को भी आधार बनाया गया है। जिन नेताओं की रिपोर्ट संतोषजनक रही है, उन्हें कार्यकारिणी में बरकरार रखा जाएगा, जबकि खराब प्रदर्शन करने वालों को हटाकर नए और सक्रिय कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा।

जिलाध्यक्षों में बदलाव की संभावना
नए गठित आठ जिलों के साथ ही कुछ पुराने जिलों में भी जिलाध्यक्षों में फेरबदल की संभावना है। रंधावा ने कहा कि नए जिलाध्यक्षों की घोषणा जल्द ही की जाएगी और संभावित नामों पर चर्चा चल रही है। कुछ जिले ऐसे भी हैं जहाँ मौजूदा जिलाध्यक्षों को बदला जा सकता है। इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि संगठन में बदलाव एक सतत प्रक्रिया है। नए जिलों में संगठनात्मक ढांचा पहले से मौजूद था, लेकिन नए जिलों के गठन के बाद उनमें जिलाध्यक्ष और कार्यकारिणी का गठन जरूरी है। डोटासरा ने कहा कि जल्द ही आलाकमान से चर्चा के बाद नए जिलाध्यक्षों की घोषणा की जाएगी।

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