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मध्य प्रदेश के एक ग्रामीण इलाके के 35 वर्षीय व्यक्ति का एक अजीबोगरीब अनुभव आजकल चिकित्सा जगत में चर्चा का विषय बन गया है। डॉक्टरों ने इस अजीबोगरीब मामले की रिपोर्ट 'न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन' पत्रिका में प्रकाशित की।
मरीज धुंधली दृष्टि की शिकायत लेकर अस्पताल गया था। डॉक्टरों ने फंडोस्कोपी की। उन्होंने भी एक चौंकाने वाली बात देखी। उसकी आँख के पिछले हिस्से में एक कीड़ा धीरे-धीरे हिलता हुआ दिखाई दिया। गौर से जाँच करने पर पता चला कि यह 'ग्नाथोस्टोमा स्पिनिजेरम' नामक परजीवी है। ऐसे कीड़े आमतौर पर बिल्लियों और कुत्तों जैसे जानवरों में पाए जाते हैं। डॉक्टरों ने बताया कि ये अधपकी मछली, चिकन, साँप या मेंढक खाने से मानव शरीर में प्रवेश करते हैं। मरीज ने पहले भी अधपका मांस खाया था।
डॉक्टरों ने बताया कि यह परजीवी पहले रक्त में प्रवेश करता है और फिर आँख तक पहुँचता है। उसकी आँख से कीड़ा निकालने के लिए तुरंत 'पार्स प्लाना विट्रेक्टॉमी (पीपीवी)' नामक एक विशेष सर्जरी की गई। बाद में, जब माइक्रोस्कोप से उसकी जाँच की गई, तो पता चला कि यह ग्नाथोस्टोमा है। इस पर बोलते हुए, अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ. अब्दिश भावसार ने चेतावनी दी कि यदि ऐसे परजीवी आंख में प्रवेश कर जाते हैं, तो वे गंभीर क्षति पहुंचा सकते हैं, यहां तक कि कभी-कभी दृष्टि की स्थायी हानि भी हो सकती है।