जम्मू, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजौरी ज़िले की तहसील नौशहरा स्थित सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय, सेरी का प्रांगण वीरवार सुबह से ही साहित्यिक उत्सव में तब्दील हो गया, जब साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली द्वारा ग्रामलोक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्थानीय डोगरी कवियों की काव्य प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली की डोगरी परामर्श मंडल के संयोजक मोहन सिंह ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि साहित्य अकादेमी ही देश की एकमात्र संस्था है, जो संविधान में शामिल 24 भारतीय भाषाओं के साहित्य के संरक्षण और संवर्धन के लिए निरंतर कार्यरत है। उन्होंने ग्रामलोक की विशेषता बताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम दूर-दराज़ के कवियों व लेखकों को मंच प्रदान कर उनकी साहित्यिक पहचान बनाने में सहायक है।
स्थानीय कवियों, बालक राम ब्राल, अमरजीत हरताल, मदन मोहन शर्मा, पुष्प राज और ओम भजोवालिया, ने अपनी कविताओं के माध्यम से डोगरी जीवन की सादगी, लोक संस्कृति की सुगंध और सामाजिक सरोकारों को अभिव्यक्त किया। तालियों की गड़गड़ाहट ने वातावरण को और भी जीवंत बना दिया। इस अवसर पर जम्मू से आए वरिष्ठ साहित्यकार शिवदेव सुशील, पूरन चंदर शर्मा और रंधीर सिंह रैपुरिया की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ा दी।
मोहन सिंह ने अंत में कहा कि डोगरी भाषा व साहित्य की समृद्ध परंपरा को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए ऐसे आयोजनों का होना अनिवार्य है और साहित्य अकादेमी इस दिशा में लगातार प्रयासरत है। कुल मिलाकर, नौशहरा का यह ग्रामलोक कार्यक्रम डोगरी साहित्य प्रेमियों के लिए एक ऐतिहासिक और अविस्मरणीय अनुभव बन गया।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा