मुंबई,21 अगस्त ( हि,. स.) । ठाणे शहर में शिवई नगर क्षेत्र में म्हाडा की 75 से ज़्यादा इमारतें 40 साल पुरानी हैं और लेआउट स्वीकृति के अभाव में उनका विकास रुका हुआ है। सैकड़ों निवासियों द्वारा इस बारे में चिंता व्यक्त करने के बाद, विधायक संजय केलकर ने एक संयुक्त बैठक आयोजित की और म्हाडा और स्थानीय अधिकारियों को त्रुटियों को सुधारकर स्वीकृति प्रदान करने का निर्देश दिया। इस प्रकार, यहाँ की सभी आवासीय सोसाइटियों के विकास का मुद्दा सुलझ जाएगा।
ठाणे के विधायक संजय केलकर ने आज कहा कि शिवई नगर में म्हाडा कॉलोनियाँ 80-90 के दशक में बनी थीं और वर्तमान में यहाँ 75 से ज़्यादा इमारतें लगभग 35 से 40 साल पुरानी हैं। चूँकि ये इमारतें पुरानी हैं, इसलिए इनके पुनर्विकास की आवश्यकता है। इस बीच, म्हाडा ने तीन एफएसआई देकर संशोधित लेआउट की स्वीकृति के लिए ठाणे नगर निगम को एक विकास प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। इस प्रस्ताव के अनुसार, नगर निगम ने कुछ त्रुटियाँ की हैं और उन्हें पूरा करने के लिए म्हाडा को सूचित किया है। परिणामस्वरूप, चूँकि यह प्रस्ताव मनपा के पास लंबित है, इसलिए यहाँ की गृह निर्माण समितियाँ अनुमोदन के अभाव में विकास प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं कर पा रही हैं।
आज सरकारी विश्रामगृह में आयोजित बैठक में शक्ति नगर विकास विभाग के सहायक निदेशक कनाडे, कार्यकारी अभियंता रविशंकर शिंदे, म्हाडा की मुख्य अधिकारी रेवती गायकर के साथ ही शिवई नगर की गृह निर्माण समितियों के पदाधिकारी, ठाणे जिला गृह निर्माण महासंघ के अध्यक्ष सीताराम राणे आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर केलकर ने समन्वय के माध्यम से लेआउट अनुमोदन के संबंध में पाई गई त्रुटियों को तुरंत पूरा करने के निर्देश दिए। केलकर ने आशंका व्यक्त की कि यदि इस संबंध में तत्काल निर्णय नहीं लिया गया, तो ये पुरानी इमारतें गिर सकती हैं या खतरनाक हो सकती हैं और दुर्घटनाएँ हो सकती हैं। इसलिए, केलकर ने अधिकारियों को जल्द से जल्द लेआउट स्वीकृत करने और हाउसिंग सोसाइटियों को लीज़ एग्रीमेंट, बकाया लीज़ रेंट, निर्माण पूर्णता प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज़ों के लिए परेशान किए बिना सहयोग करने के निर्देश भी दिए। इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि वे तुरंत कार्रवाई शुरू कर रहे हैं।
वर्तमान में, एक महत्वाकांक्षी क्लस्टर योजना चल रही है और अभी तक एक भी योजना पूरी नहीं हुई है। इसलिए, यदि लेआउट स्वीकृत नहीं हुआ, तो ये इमारतें क्लस्टर योजना में शामिल हो जाएँगी और निवासियों को वर्षों तक अपने हक़ के घरों से वंचित रहना पड़ेगा, हाउसिंग सोसाइटियों के पदाधिकारियों ने यह आशंका व्यक्त की। विधायक संजय केलकर की मध्यस्थता से लेआउट स्वीकृति का मामला सुलझने से उन्होंने राहत की सांस ली है।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा