सांसद पान्य ने IIMC, ढेंकानाल के भविष्य के विकास और यहाँ मास्टर डिग्री व पीएचडी कोर्स शुरू करने के प्रस्तावों के बारे में जानकारी मांगी थी। मंत्री ने बताया कि ढेंकानाल स्थित IIMC के ऑडियो-वीडियो ब्लॉक, प्रशासनिक और अकादमिक ब्लॉक, और हॉस्टलों के नवीनीकरण के लिए प्रशासनिक मंजूरी प्राप्त हो चुकी है।
इसके अलावा, IIMC, ढेंकानाल में 2025-2026 सत्र के लिए 'कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन और ब्रांड मैनेजमेंट' में एक पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा कार्यक्रम शुरू किया गया है, जिसका सत्र पहले ही आरंभ हो चुका है।
IIMC को 'डीम्ड यूनिवर्सिटी' का दर्जा 31 जनवरी 2024 को प्राप्त हुआ है। दिल्ली कैंपस के साथ-साथ ढेंकानाल (ओडिशा), कोट्टायम (केरल), आइजोल (मिजोरम), जम्मू (जम्मू और कश्मीर) और अमरावती (महाराष्ट्र) में स्थित इसके पांच कैंपस भी इस दर्जे का हिस्सा हैं।
सांसद रुद्र नारायण पान्य ने संस्थान के विकास के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि सरकार को ढेंकानाल में IIMC कैंपस के पास अतिरिक्त ज़मीन उपलब्ध करानी चाहिए, इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना चाहिए और यहाँ मास्टर डिग्री, पीएचडी जैसे कोर्स के साथ-साथ एडवरटाइजिंग और पीआर जैसे प्रोफेशनल कोर्स भी शुरू करने चाहिए।
पान्य ने संविदा शिक्षकों के बजाय नियमित शिक्षकों की नियुक्ति की भी वकालत की। उन्होंने यह भी कहा कि खेल सुविधाओं का अभाव है और संस्थान में कोई भी नियमित असिस्टेंट प्रोफेसर या एसोसिएट प्रोफेसर नियुक्त नहीं हैं।
सरकार का यह कदम IIMC, ढेंकानाल को जनसंचार शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख संस्थान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।