बांग्लादेश में चुनाव से पहले एक खतरा यूनुस सरकार का सिर दर्द बन गया है. पिछले साल जुलाई की क्रांति के समय प्रदर्शनकारियों के साथ की झड़पों में सुरक्षाबलों के हथियार छीन लिए थे. ये हथियार अंतरिम सरकार के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं और चुनाव से पहले इनके गलत इस्तेमाल होने का खतरा और ज्यादा बढ़ गया है. हालांकि सरकारी एजेंसियां लगातार हथियार बरामदगी को लेकर अभियान चला रही हैं.
ताजा आंकड़े बताते हैं कि 1,363 हथियार और 2,57,720 कारतूस अभी तक बरामद नहीं हुए हैं. कानून प्रवर्तन एजेंसियों को आशंका है कि इन हथियारों का इस्तेमाल आगामी राष्ट्रीय चुनावों से पहले हिंसा भड़काने और देश को अस्थिर करने के लिए किया जा सकता है. चुनाव से हथियार जब्त करने के अभियान में तेजी आई है.
गृह सलाहकार रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने शनिवार को कहा कि हथियारों की बरामदगी एक सतत प्रक्रिया है और रोजाना हथियार जब्त किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, “आज भी हथियार बरामद किए गए, हमें उम्मीद है कि चुनाव से पहले लगभग सभी हथियार बरामद हो जाएंगे.”
सीमा पर भी रखी जारी निगरानीसलाहकार ने ये भी बताया कि राष्ट्रीय चुनाव से पहले और अन्य मौकों पर, विदेशों से देश में हथियारों की एंट्री को रोकने के लिए कई उपाय किए गए हैं. मीडिया ने जब सवाल किया कि क्या आगामी चुनाव के दौरान हथियारों की आमद रोकने के लिए भी इसी तरह के उपाय किए जाएंगे, तो उन्होंने कहा, “सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे, न सिर्फ चुनाव के दौरान, बल्कि अन्य मौकों पर भी, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी हथियार देश में प्रवेश न कर सके.”
चुनावी की तैयारियांबांग्लादेश की सरकार देश में शांति से चुनाव कराने के लिए के लिए दिन-रात काम कर रही है. चुनाव की तैयारियों के बारे में चौधरी ने कहा, “हम आवश्यकतानुसार तैयारी कर रहे हैं. अगर अल्लाह ने चाहा, तो फरवरी में चुनाव कराने में कोई कठिनाई नहीं होगी. हम अपने मुख्य सलाहकार की ओर से तय की गई तारीख पर चुनाव कराने की तैयारी कर रहे हैं, और तब तक सभी तैयारियां पूरी हो जाएंगी.”