युवती ने पीरियड्स रोकने के लिए दवा का सेवन किया, जिसके बाद वह डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) से ग्रसित हो गई। इस स्थिति में नसों में खून का थक्का जम जाता है। जांच में पता चला कि थक्का उसके पेट तक पहुंच चुका था। डॉक्टरों ने उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी, लेकिन परिवार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। रात में उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और अस्पताल ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया।
सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर प्रमोद कुमार ने चेतावनी दी है कि महिलाएं अक्सर हार्मोनल गोलियों को हल्के में लेती हैं, जबकि ये दवाएं हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ने के साथ-साथ खून को गाढ़ा भी कर सकती हैं। इससे नसों में थक्का जमने का खतरा बढ़ जाता है, जो लिवर, हार्ट या फेफड़ों तक पहुंचने पर जानलेवा हो सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, डीवीटी कई बार बिना किसी लक्षण के भी विकसित हो सकता है। कुछ मरीजों में पैरों में सूजन, दर्द या भारीपन महसूस होता है, लेकिन जब थक्का महत्वपूर्ण अंगों तक पहुंचता है, तो स्थिति गंभीर हो जाती है।
स्त्री रोग विशेषज्ञों ने महिलाओं को सलाह दी है कि हर व्यक्ति की शारीरिक संरचना अलग होती है, इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के दवा लेना खतरनाक हो सकता है। यदि दवा की आवश्यकता हो, तो उसे विशेषज्ञ की देखरेख में ही लेना चाहिए।