आयुर्वेदिक पेय जो पेट की सेहत को बनाए रखते हैं: अपने पेट, दिल और रक्त शर्करा को स्वस्थ रखने के लिए जानें इन 5 आयुर्वेदिक पेयों के लाभ: नई दिल्ली: आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी में लोग अपनी डाइट और फिटनेस पर ध्यान देते हैं, लेकिन पेट की सेहत को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, यदि आपका पाचन तंत्र मजबूत है, तो आपका संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।
एक स्वस्थ पेट न केवल पाचन को सही रखता है, बल्कि दिल और रक्त शर्करा को भी नियंत्रित करता है। हेल्थ इन्फ्लुएंसर और आयुर्वेदिक चिकित्सक दिक्षा भवसार के अनुसार, कुछ भारतीय आयुर्वेदिक पेय आपके पेट, दिल और रक्त शर्करा को स्वस्थ रखने में मददगार हो सकते हैं। आइए जानते हैं इन 5 आयुर्वेदिक पेयों के बारे में, जो आपके लिए अमृत के समान हैं।
घर में बनी ताज़ी छाछ आयुर्वेद में अत्यंत लाभकारी मानी जाती है। दही और पानी को मिलाकर बनाई गई छाछ में भुना जीरा, सेंधा नमक और हरी पत्तियां डालने से इसका स्वाद और गुण बढ़ जाते हैं।
यह पेट को हल्का रखती है, पाचन को मजबूत बनाती है, और ब्लोटिंग से राहत देती है। इसके अलावा, यह दिल की सेहत को भी बढ़ावा देती है।
सुबह खाली पेट आंवला जूस पीना पाचन के लिए बहुत फायदेमंद है। ताजा आंवला जूस या पाउडर को पानी में मिलाकर, इसमें काला नमक या सूखा अदरक डालकर पिएं। यह आंतों की सफाई करता है, शरीर की गर्मी को कम करता है और रक्त शर्करा को संतुलित रखता है। यह आपके पेट और दिल दोनों के लिए लाभकारी है।
रातभर भिगोए गए धनिया के बीज का पानी सुबह पीने से पाचन में सुधार होता है। यह पेट की जलन को कम करता है, गैस और ब्लोटिंग को घटाता है और शरीर को ठंडक प्रदान करता है। नियमित सेवन से यह रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।
ताजा नारियल पानी को कमरे के तापमान पर पीना सबसे अच्छा होता है। यह शरीर को तुरंत हाइड्रेट करता है, पेट की जलन और आंतों की सूजन को कम करता है। यह दिल की सेहत के लिए भी उत्कृष्ट है और पित्त दोष को संतुलित करता है।
जीरा, धनिया और सौंफ से बनी CCF टी पाचन को मजबूत करने का एक सरल और प्रभावी तरीका है। खाने के बाद इसे पीने से गैस और अपच की समस्या दूर होती है। यह पोषक तत्वों के अवशोषण को बेहतर बनाती है, तीनों दोषों को संतुलित करती है और कफ से जुड़ी सुस्ती को कम करती है।