कानपुर पुलिस ने ऑपरेशन महाकाल के तहत अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रखते हुए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। चकेरी क्षेत्र में एक मार्बल व्यापारी ने पूर्व शासकीय अधिवक्ता और उनके दो साथियों के खिलाफ जबरन प्लाट पर कब्जा करने और पांच लाख रुपये की रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज कराया है।
सूत्रों के अनुसार, मार्बल व्यापारी ने आरोप लगाया कि अधिवक्ता और उनके सहयोगियों ने न केवल उसके प्लाट पर जबरन कब्जा करने का प्रयास किया, बल्कि उन्हें फर्जी मुकदमे फंसाने की धमकी भी दी। यह मामला ऑपरेशन महाकाल के तहत तत्काल संज्ञान में लिया गया और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पूर्व शासकीय अधिवक्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन महाकाल के तहत अपराधियों, जमीनी कब्जाधारियों और रंगदारी मांगने वाले लोगों पर लगातार निगरानी और कार्रवाई की जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य व्यापारियों और आम नागरिकों को अवैध दबाव और धमकियों से सुरक्षित करना है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरफ्तारी यह संदेश देती है कि कोर्ट और सरकारी पद का गलत इस्तेमाल करके धमकी या रंगदारी मांगना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई अपराधियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ चेतावनी का काम करती है।
मार्बल व्यापारी ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना की और कहा कि ऑपरेशन महाकाल जैसे अभियान व्यापारियों के लिए सुरक्षा की गारंटी और न्याय सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस के तेज़ कार्रवाई से भविष्य में इस तरह की धमकियों से डरने की जरूरत नहीं होगी।
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी प्रकार की रंगदारी या दबाव की घटना होने पर तुरंत सूचना दें। अधिकारियों ने कहा कि ऑपरेशन महाकाल जारी रहेगा और अपराधियों के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई की जाएगी।
इस तरह, चकेरी में पूर्व शासकीय अधिवक्ता और उसके साथियों के खिलाफ की गई कार्रवाई न केवल ऑपरेशन महाकाल की सफलता को दर्शाती है, बल्कि व्यापारियों और आम नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में कानपुर पुलिस की गंभीरता को भी साबित करती है।